जमशेदपुरः खालसा धर्म की स्थापना करने वाले दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी की 354वीं जयंती सादगी के साथ मनाई गई. जमशेदपुर में सिख समाज के लोगों ने कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए प्रकाश पर्व मनाया. कोविड 19 के कारण इस साल गुरु पर्व पर नगर कीर्तन नहीं निकाला गया. समाज के लोगों ने गुरुद्वारा में अरदास कर मत्था टेक कर एक दूसरे को गुरु पर्व की बधाई दी.
कोल्हान में लगभग 3 लाख की आबादी सिख समाज की है जबकि जमशेदपुर में सिख समाज की आबादी 2 लाख के करीब है. यहां सिख समाज की ओर से गुरु गोविंद सिंह जयंती, गुरु नानक जयंती, लोहड़ी और वैशाखी धूमधाम से मनाया जाता है. प्रकाश पर्व पर सिख समाज की ओर से नगर कीर्तन निकाला जाता है, जो शहर के किसी एक गुरुद्वारा से निकलता है और शाम साकची सेंट्रल गुरुद्वारा तक पहुंचता है.
सामूहिक आयोजन ना होने पर मायूसी
कोविड-19 के कारण सिख समाज के दसवें और अंतिम गुरु खालसा धर्म की स्थापना करने वाले गुरु गोविंद सिंह की जयंती पर सरकार के आदेशानुसार नगर कीर्तन नहीं निकाला गया है. सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के उपाध्यक्ष साकची गुरुद्वारा के प्रधान ने बताया कि गुरु की वाणी का हम पालन कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि पहले सात संगत फिर अरदास. इस साल कोरोना के कारण प्रकाश पर्व पर सामूहिक आयोजन नहीं किया गया है. सभी गुरुद्वारा में प्रकाश पर्व को मनाया जा रहा है, सभी गुरुद्वारा में लंगर की व्यवस्था की गई है.
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जमशेदपुर में पर्व पर नगर कीर्तन में लाखों की संख्या में सिख समाज के लोग शामिल होते हैं. भजन कीर्तन करते हुए लोग चलते हैं, जिसमें बच्चे, महिलाएं और पुरुष शामिल रहते हैं. इस साल कोरोना के कारण नगर कीर्तन के नहीं निकलने से समाज के लोगों में थोड़ी मायूसी भी भी है. उनका कहना है इस साल सादगी से गुरु पर्व मनाया रहे हैं. गुरुद्वारा में अरदास कर दुआ मांगी है कि देश से कोरोना जल्द से जल्द खत्म हो और आने वाले वर्ष में सभी सात संगत मिलकर धूमधाम से प्रकाश पर्व को मनाएंगे.