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सीएम पर रघुवर दास ने साधा निशाना, बोले- ईडी को धमका रहे हैं हेमंत, कभी लालू भी भरते थे हुंकार, नतीजा सबको है मालूम

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) पर रघुवर दास ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हेमंत ईडी को धमका रहे हैं, कभी लालू भी इसी तरह हुंकार भरते थे उनका नतीजा सबको मालूम है. (Hemant challenge to ED)

Former CM Raghuvar Das
Former CM Raghuvar Das

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Published : Nov 4, 2022, 3:49 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (Former CM Raghuvar Das) ने हमला बोला है. उन्होंने कहा कि ईडी के समन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री आवास के सामने जो कुछ कहा वो उनके डर और अहंकार को दर्शाता है. इसी तरह की हुंकार कभी लालू यादव बिहार में भरा करते थे. उनका क्या नतीजा हुआ, यह किसी से छिपा नहीं है. रघुवर दास ने कहा कि जब मुख्यमंत्री ने कोई गलत काम नहीं किया है, तो उन्हें डर किस बात का है. एक तरफ वो संवैधानिक संस्था ईडी को सार्वजनिक रूप से धमका रहे हैं, दूसरी तरफ उसी संस्था से तीन सप्ताह का समय भी मांग रहे हैं.

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रघुवर दास ने कहा कि जब भी भ्रष्टाचार में लिप्त ऐसे नेताओं पर कानून का शिकंजा कसता है, तब वो संवैधानिक संस्थाओं को धमकाने का काम करते हैं. लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) भूल रहे हैं कि हमारे देश में लोकतंत्र है, राजतंत्र नहीं. कानून को कानून की तरह काम करने देना चाहिए. बेहतर तो यही होता कि मुख्यमंत्री ईडी को धमकाने (Hemant challenge to ED) के बजाय उसके सामने जाकर अपना पक्ष रखते. इसी तरह नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित पूरी कांग्रेस पार्टी हो हल्ला मचा रही थी. आखिरकार सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कानून के सामने जाना ही पड़ा.

रघुवर दास ने कहा कि कांग्रेस, झामुमो और राजद की तरह भाजपा परिवार की पार्टी नहीं है कि हेमंत सोरेन भाजपा कार्यकर्ताओं को धमकायेंगे और वो डर जायेंगे. भाजपा कार्यकर्ताओं के संघर्ष की वजह से ही केंद्र सहित देश के कई राज्यों में आज भाजपा की सरकार है. झारखंड में कार्यरत अधिकारियों को निष्पक्ष होकर काम करने की जरूरत है. न पक्ष, न विपक्ष उन्हें निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन को अपना यह आक्रोश आदिवासी बच्चियों के साथ बलात्कार होने पर दिखाना चाहिए. तब वो मौन रहते हैं. खुद को भ्रष्टाचार पर कार्रवाई होने पर उन्हें आदिवासी समाज याद आता है. आदिवासी समाज का उत्थान विकास से होगा, न कि हेमंत सोरेन के भ्रष्टाचार से. भ्रष्टाचार से सोरेन परिवार का तो उत्थान हो सकता है, लेकिन आम आदिवासी को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है.

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