झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

झारखंड बजटः कृषि आधारित उद्योगों को मिले बढ़ावा, जमशेदपुर के अर्थशास्त्रियों ने दी प्रतिक्रिया

झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 26 फरवरी से प्रारंभ हो रहा है. इसके लिए सरकार ने सभी तैयारियां कर ली हैं. सूबे में इस बार आउटकम बजट पेश होगा. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव 3 मार्च को बजट पेश करेंगे. बजट को लेकर जमशेदपुर के अर्थशास्त्रियों ने दी प्रतिक्रिया दी है.

बजट पर प्रतिक्रिया
बजट पर प्रतिक्रिया

By

Published : Feb 21, 2021, 6:03 AM IST

जमशेदपुरः केंद्र सरकार के बजट के बाद झारखंड सरकार आगामी तीन मार्च को झारखंड विधानसभा में राज्य का बजट पेश करेगी. तीन मार्च को पेश होने वाले बजट में औद्योगिक नगरी जमशेदपुर के अर्थशास्त्रियों की काफी उम्मीदें हैं. सभी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सभी क्षेत्रों में ध्यान देने की मांग की है.

झारखंड बजट पर प्रतिक्रिया

यह भी पढ़ेंःपहली बार झारखंड में पेश होगा आउटकम बजट, क्या होता है आउटकम बजट, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

हेमंत सोरेन के कार्यकाल का दूसरा बजट तीन मार्च को झारखंड विधानसभा में पेश होने वाला है. ऐसे में अर्थशास्त्रियों ने बताया झारखंड खनिज संपदाओं से परिपूर्ण राज्य है. यहां पर औसतन सभी प्रकार के खनिज पदार्थ पाए जाते हैं.

यहां के लोगों को खनिज पदार्थ का अत्यधिक फायदा नहीं मिल पाता है, जितना कि अन्य राज्य इसका भरपूर इस्तेमाल कर पाते हैं. आए वर्ष राज्य के द्वारा पेश किए गए बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन इन पैसों का उपयोग किन जगहों पर होता है. इनकी तुलना करनी भी जरूरी है.

राष्ट्रीय राजमार्ग-33 का काम अब तक अधूरा

बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिसा को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-33 का काम अब तक अधूरा पड़ा है. यहां के लोगों को दशकों से बेहतर सड़क की सुविधा नहीं मिल पाई है.

गांव और शहर को जोड़ने की कवायद राज्य सरकार को करनी चाहिए जिससे कि गांव व शहरों में दूरी कम की जा सके. मौजूदा दौर में पूर्वी सिंहभूम के गांव में बेहतर चिकित्सा की कमी है, जिसके कारण कई लोगों की जान चिकित्सा के अभाव में चली जाती हैं.

एग्रो इंडस्ट्रीज यानी कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा दिया जाए जिससे कि रूरल सेक्टर के लिए काफी बेहतर होगा सूक्ष्म और लघु उद्योग का इंटीग्रेशन बड़े पैमाने पर किया जाए जिससे कि ज्यादा फायदा मिलेगा.

राज्य के पास खनिज पदार्थ के रूप में अत्यधिक संपदा होने के कारण भी इस पर राज्यों का अधिकार काफी कम देखता है. और केंद्र का अधिकार ज्यादा है.

यहां पर इकोनॉमिक्स फेडरेशन का मामला कमजोर होता हुआ दिखता है. इसकी शिकायत राज्य को हमेशा केंद्र से होती है. जिन समस्याओं से झारखंड राज्य गुजर रहा है. उसे ओवर कम करने के लिए हमारे पास जो लिमिटेड रिसोर्सेस हैं उनका अत्यधिक उपयोग किया जाना चाहिए.

झारखंड राज्य के पूर्वी सिंहभूम जिले से छात्र और मजदूरों के पलायन की बात कई बार सामने आती है. यहां पर खेती के लिए सिंचाई बेहतर सड़क पशुओं की सुविधा सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेवारी है.

झारखंड राज्य के सरकार को और इस बजट में छात्रों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, जिससे यहां के छात्रों का पलायन को रोका जाए और बेहतर सिंचाई की व्यवस्था की जाए जिससे कि ग्रामीण सुदूरवर्ती के रहने वाले किसानों को फसलों को उगाने में किसी प्रकार की चिंता की बात नहीं हो सकी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details