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अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथिः उनके व्यक्तित्व से प्रभावित डॉ. रागिनी भूषण, ईटीवी भारत से साझा की यादें

कोल्हान यूनिवर्सिटी से एचओडी के पद से रिटायर्ड डॉ. रागिनी भूषण ने ईटीवी भारत से स्व. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कुछ यादों को साझा किया. डॉ. रागिनी अटल जी के व्यक्तित्व से काफी प्रभावित हुई हैं और उनके विचारों को आज भी मानती हैं.

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अटल बिहारी बाजपेयी जी के व्यक्तित्व से प्रभावित हैं डॉ. रागिनी भूषण, ईटीवी भारत से साझा की तमाम यादें

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Published : Aug 16, 2021, 9:52 PM IST

जमशेदपुर:देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीतिक के पटल पर एक ऐसा नाम हैं, जिन्होंने अपने व्यक्तित्व और काम से ना केवल व्यापक स्वीकार्यता और सम्मान हासिल किया, बल्कि तमाम बाधाओं को पार करते हुए 90 के दशक में बीजेपी को स्थापित करने में भी अहम भूमिका निभाई. जमशेदपुर में डॉ. रागिनी भूषण अटल जी से काफी प्रभावित रही हैं और ऐसी ही कुछ यादें ईटीवी भारत से साझा की हैं.


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अटल जी के सानिध्य में रहने वाले आज भी उनकी पुण्यथिति पर उन्हें याद करते हैं. उनके साथ बिताए हुए पल और उनकी कही बातें आज भी लोगों के जेहन में है. जमशेदपुर में डॉ. रागिनी भूषण अटल जी से काफी प्रभावित रहीं. वो बताती हैं कि अटल जी खाने के शौकीन थे, उन्हें खीर काफी पसंद थी, वो खुद अटल जी को खाना खिला चुकी हैं.

डॉ. रागिनी भूषण से ईटीवी भारत की खास बातचीत

अटल बिहारी बाजपेयी को जमशेदपुर से था लगाव
जमशेदपुर से अटल बिहारी वाजपेयी का विशेष लगाव रहा है. इसके अलावा आज भी कई ऐसे व्यक्तित्व हैं, जो अटल जी सानिध्य में रहे हैं और उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला है. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की रहने वाली डॉ रागिनी भूषण बचपन से ही अटल जी के सानिध्य में रह चुकी हैं. अटल जी की पुण्यतिथि पर डॉ. रागिनी भूषण ने ईटीवी भारत से अटल जी की यादों को साझा किया. कोल्हान यूनिवर्सिटी से एचओडी के पद से रिटायर्ड डॉ. रागिनी भूषण ने बताया कि उनका परिवार संघ से जुड़ा था. इस दौरान उनके घर के पास मैदान में सभाएं होती थीं, जिनमें अटल बिहारी बाजपेयी, मुरली मनोहर जोशी के अलावा कई प्रबुद्ध लोग आते थे. 1968 में जब वो छात्रा थीं, इस दौरान अटल जी और उनके साथ आये प्रबुद्ध लोगों के लिए उनके घर से खाना बनकर जाता था और वो अटल जी को खाना पहुंचाती थीं. इस दौरान अटल जी की कही बातों से वो काफी प्रभावित होती थीं.

अटल जी को खीर पसंद थी- डॉ. रागिनी
अटल जी खाना खाने के बाद अक्सर डॉ. रागिनी से बाते करते थे. उनका कहना था कि पहले देश है, फिर हम हैं. सबको अपने देश के लिए जीना चाहिए. देश हित में सोचना चाहिए. डॉ. रागिनी बताती हैं कि सभा के दौरान एक बार कविता पढ़ने के लिए अटल जी काफी प्रभावित हुए और शील्ड मंगवाकर उन्हें सम्मानित किया. इसके अलावा कई बार अटल जी उनकी आंखों को गिलसिया बताते थे. इसका अर्थ उन्हें बाद में पता चला कि गिलसिया का अर्थ छोटा गिलास होता है, जो गहरा होता है.


अटल बिहारी वाजपेयी जी की जीवनी

देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का झारखंड से विशेष लगाव रहा है. अपने राजनीतिक सफर में अविभाजित बिहार में अटल जी ने अलग राज्य झारखंड बनाने का संकल्प लिया था, जिसे साल 2000 में उन्होंने पूरा किया. 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म हुआ. अटल जी के पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी और मां कृष्णा देवी हैं. वाजपेयी का संसदीय अनुभव 5 दशकों से भी अधिक का विस्तार लिए हुए है. अपने जीवन में पूरी तरह राजनैतिक रूप से सक्रिय रहने वाले अटल जी को भीष्म पितामह भी कहा गया है. राजनीति के अलावा अटल जी हिन्दी कवि, पत्रकार और प्रखर वक्ता रहे हैं.

पुरानी तस्वीर

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बीजेपी के चार दशक तक विपक्ष में रहने के बाद वाजपेयी 1996 में पहली बार अटल जी प्रधानमंत्री बने, लेकिन संख्या बल नहीं होने से उनकी सरकार महज 13 दिन में ही गिर गई. आंकड़ों ने एक बार फिर वाजपेयी के साथ लुका-छिपी का खेल खेला और स्थिर बहुमत नहीं होने के कारण 13 महीने बाद 1999 की शुरुआत में उनके नेतृत्व वाली दूसरी सरकार भी गिर गई. लेकिन 1999 के चुनाव में वाजपेयी पिछली बार के मुकाबले एक अधिक स्थिर गठबंधन सरकार के मुखिया बने, जिसने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया.

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