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जमशेदपुर: भक्ति में लॉकडाउन बेअसर, मंदिर के बाहर ही श्रद्धालु जला रहे दीया - लॉकडाउन का पालन कर रहे पुजारी

कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में एक बार फिर से लॉकडाउन लागू किया गया है. लॉकडाउन 5.0 की गाइडलाइन के अनुसार केंद्र सरकार ने कई क्षेत्रों में राहत दी है. मंदिर-मस्जिद के साथ साथ सभी धार्मिक स्थलों को शर्तों के साथ खोलने का इजाजत दे दी है, लेकिन इस पर अंतिम फैसला राज्य सरकार को लेना है. जमशेदपुर का प्रसिद्ध श्री कृष्णा मंदिर भी बीते 24 मार्च से बंद है, सिर्फ पुजारी इस मंदिर में पूजा-पाठ को संपन्न करा रहे हैं.

Devotees are lighting lamp outside temple during lockdown in jamshedpur
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Published : May 31, 2020, 7:23 PM IST

जमशेदपुर:कोरोना के कारण चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन से सभी कारोबार ठप पड़ा हुआ है. सोशल डिस्टेंसिंग के कारण मंदिर-मस्जिद में पूजा-इबादत पर रोक लगी हुई है. इसका पालन सभी मंदिर ट्रस्ट और पुजारी कर रहे हैं. शहर के चर्चित श्री कृष्णा मंदिर में लॉकडाउन के पालन के लिए 24 मार्च से मंदिर का मुख्य द्वार बंद है, सिर्फ पुजारी इस मंदिर के नियमित कार्य को संपन्न करा रहे हैं.

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कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में एक बार फिर से लॉकडाउन लागू किया गया है. लॉकडाउन 5.0 की गाइडलाइन के अनुसार केंद्र सरकार ने कई क्षेत्रों में राहत दी है. मंदिर-मस्जिद के साथ साथ सभी धार्मिक स्थलों को शर्तों के साथ खोलने का इजाजत दे दी है, लेकिन इस पर अंतिम फैसला राज्य सरकार को लेना है. लॉकडाउन 5.0 एक जून से 30 जून तक रहेगा. ऐसे में श्री कृष्णा मंदिर के पुजारी संतोष त्रिपाठी ने बताया कि मंदिर के अंदर सिर्फ पुजारी ही रह रहे हैं. यह जमशेदपुर का पहला मंदिर है जिसका पट सुबह चार बजे खुल जाता है. इस मंदिर में सभी देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं. इस मंदिर में खास मौके जैसे जन्माष्टमी, नवरात्रि, रामनवमी के अवसर पर स्थानीय लोगों के अलावा दूर-दराज से भी लोग इस मंदिर में आते हैं.

मंदिर के पुजारी ने बताया कि लॉकडाउन के बावजूद भी श्रद्धालुओं की भक्ति में कमी नहीं आई है. आज भी भक्त मंदिर के बाहर दीया जला रहे हैं और मंदिर के मुख्य द्वार से ही हाथ जोड़कर भगवान के दर्शन कर रहे हैं. साकची से गोलमुरी जाने वाली मुख्य सड़क के किनारे बने मंदिर से आने-जाने वाले का लगाव काफी है. मंदिर के पुजारी ने बताया कि जब से लॉकडाउन लगी है वे खुद मंदिर की साफ-सफाई का काम कर रहे हैं. नियमानुसार पूजा-पाठ कर रहे हैं. पंडित संतोष त्रिपाठी कहते है कि सरकार का आदेश का पालन करते हुए वे मंदिर के मुख्य द्वार को बंद रखते हैं और आगे जबतक मंदिर खोलने का आदेश नहीं मिलता है, मंदिर को वे नहीं खोलेंगे. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के नहीं आने से दान-दक्षिणा मिलना बंद हो गया है. ऐसे में सबकुछ भगवान भरोसे चल रहा है.

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इधर, मंदिर के बाहर श्रद्धालु आकर मुख्य द्वार से ही दर्शन कर चले जाते हैं. उनका का कहना है कि मंदिर खुला रहने से सुबह-शाम भगवान के दर्शन के लिए आते थे. अभी भी सुबह शाम आते हैं, लेकिन मंदिर के दरवाजे से ही दर्शन कर चले जाते हैं. लॉकडाउन में भगवान के प्रति हमारी श्रद्धा कम नहीं हुई है. अब हमें मंदिर के पट खुलने का इंतजार है. महामारी के इस संकट में धार्मिक स्थल भी लॉकडाउन के दायरे में हैं, लेकिन मन में सच्ची आस्था रखने वालों पर लॉकडाउन और कर्फ्यू का कोई असर नहीं पड़ा है. लोग घर में ही पूजा-पाठ कर रहे हैं.

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