जमशेदपुर:बागबेड़ा और आस पास पंचायत क्षेत्र में पेयजल की समस्या है. बृहत गामीण जलापूर्ति योजना को अविलंब शुरू करने की मांग को लेकर पंचायत प्रतिनिधि खरकई बड़ौदा घाट के पास उपवास पर बैठे. उपवास पर बैठे जिला पार्षद सदस्य ने बताया कि इस योजना को 2018 में पूरा होना था, जो अब तक नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर जल्द से जल्द योजना पूरी नहीं होती है तो जिला उपायुक्त कार्यालय और राजभवन के सामने अनशन पर बैठा जाएगा.
जमशेदपुर के आस पास के इलाकों में पेयजल की समस्या को देखते हुए 2015 में झारखंड सरकार ने बृहत ग्रामीण जलापूर्ति योजना को प्रस्तावित किया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 237 करोड़ की इस योजना का शिलान्यास किया था. योजना को 2018 में पूरा करना था, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो पाया है. बागबेड़ा बृहत ग्रामीण जलापूर्ति योजना को सौ करोड़ की लागत से पूरा करना है. इस योजना के पूरा होने से करीब डेढ़ लाख की आबादी को शुद्ध पेयजल मिलेगा.
जमशेदपुर में पेयजल की समस्या को दूर करने की मांग, उपवास पर बैठे पंचायत प्रतिनिधि - पेयजल की समस्या
जमशेदपुर के बागबेड़ा में पेयजल की समस्या है. इसे दूर करने के लिए बृहत गामीण जलापूर्ति योजना की शुरुआत की गई थी, जिसे 2018 में पूरा होना था, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो सका. योजना को पूरा करने की मांग को लेकर पंचायत प्रतिनिधि खरकई बड़ौदा घाट के पास उपवास बैठे.
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क्षेत्र में जल संकट एक बड़ी समस्या
जलापूर्ति योजना को पूरा करने की मांग पर उपवास में बैठे जिला पार्षद सदस्य किशोर यादव ने बताया कि योजना का काम पिछले छह महीने से बंद है और खरकई नदी पर 22 पिलर के जरिये पाइपलाइन को बिछाना है, लेकिन खरकई नदी में केवल 11 पिलर का ही निर्माण हुआ है, जबकि नदी में जलस्तर कम है, बावजूद काम बंद है, ऐसे में क्षेत्र की जनता को पेयजल की संकट का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जलापूर्ति योजना को 2018 में पूरा होना था. जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला उपायुक्त को पत्र सौंपा है.