जमशेदपुर: सांसद विद्युत वरण महतो (MP Vidyut Varan Mahato) ने लोकसभा में वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेलवे में मिलने वाली छूट का मामला उठाया (Demand to restore senior citizen concessions). सांसद ने कहा कि कोविड -19 का मामला खत्म हो गया है. लेकिन वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे में यात्रा के दौरान टिकट छूट का लाभ मिलना अभी भी बंद है.
सांसद विद्युत वरण महतो ने लोकसभा में उठाया सवाल, की वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराये में छूट देने की मांग
कोरोना के कारण रेलवे ने सीनियर सिटिजन को रेलवे में मिलने वाली रियायत निलंबित कर दी थी. जिसे पुन: बहाल (Demand to restore senior citizen concessions) करने की मांग सांसद विद्युत वरण महतो (MP Vidyut Varan Mahato) कर रहे है.
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सांसद ने रखी बात:सांसद विद्युत वरण महतो ने नियम 377 के अधीन सूचना के तहत मामले को उठाते हुए कहा कि मैं सरकार का ध्यान एक अति महत्वपूर्ण विषय की ओर आकर्षित कराना चाहता हूं. वैश्विक महामारी कोविड-19 के पूर्व वरिष्ठ नागरिक रियायतों (Senior citizen Concession) के तहत वरिष्ठ नागरिकों में 58 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं को 50% और 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों व पुरुष ट्रांसजेंडर सभी वर्गों में 40% का छूट ट्रेन यात्रा के दौरान टिकट आरक्षण का लाभ उन्हें मिलता था. जो रेलवे बोर्ड ने बंद कर दिया है. यह ज्ञातव्य है कि लगभग ढाई-तीन वर्षों के बाद अब जब सभी चीजों के साथ धीरे-धीरे जीवन सामान्य हो रहा है. लेकिन रेलवे बोर्ड ने अभी तक वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली ट्रेन यात्रा में रियायतों की सुविधा को पुनः बहाल नहीं किया है.
विद्युत वरण महतो ने कहा है कि आज जो युवा है. भविष्य में वह बुजुर्ग होंगे. आज के जो वरिष्ठ व्यक्ति हैं, उन्होंने अपनी सेवा देश और समाज के लिए दी है. वह अनुभवी हैं उनके अनुभव से देश को फायदा होगा. इसलिए उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत वरिष्ठ नागरिकों को रेल में छूट दी जाए. यही नहीं सांसद ने कोविड में लिए जाने वाले ट्रेनों में स्पेशल किराया खत्म करने की मांग रखी है.
स्पेशल किराया हटाने की मांग रखी :इसी तरह कोविड-19 के दौरान देश भर की सभी ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन घोषित किया गया था. जिससे कोविड- 19 स्पेशल ट्रेन के टाइम को रेलवे बोर्ड से हटा लिया गया है. परंतु पैसेंजर ट्रेन के यात्रियों से अभी भी स्पेशल ट्रेन का किराया लिया जा रहा है. जबकि पैसेंजर ट्रेनों में अधिकांशत गरीब, मजदूर, आदिवासी, पिछड़े ही ज्यादा यात्रा करते हैं. उन्होने रेल मंत्री से अनुरोध किया है कि उपरोक्त मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए, देश हित में रेलवे बोर्ड के द्वारा जारी उक्त आदेशों को रद्द किया जाए. साथ ही वरिष्ठ नागरिक रियायतों को पुनः लागू करने और पैसेंजर ट्रेन के यात्रियों से स्पेशल ट्रेन के किराए में छूट दी जाए.