जमशेदपुर: आदिवासी सेंगेल अभियान की तरफ से सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग को लेकर टाटा-हाता मुख्य मार्ग को जाम किया गया. आदिवासी सेंगेल अभियान प्रमुख सालखन मुर्मू ने बताया है कि देशभर के 15 करोड़ आदिवासियों को अब तक सम्मान नहीं मिल पाया है. भाजपा और जेएमएम के कारण सरना धर्म कोड अब तक लागू नहीं हो पाया है.
सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांगदेश में सरना धर्म कोड को मान्यता दिलाने के लिए आदिवासी सेंगेल अभियान, केंद्रीय सरना समिति और अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की तरफ से लगातार आंदोलन किया जा रहा है. पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार से सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर 31 जनवरी को रेल रोड चक्का जाम करने की घोषणा की गई थी. जिसके तहत जमशेदपुर में आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख सालपुर मुर्मू के नेतृत्व में करनडीह टाटा हाता मुख्य मार्ग को अपने समर्थकों के साथ जुलूस निकालकर जाम किया गया. इस दौरान केंद्र सरकार के विरोध में नारे लगाए गए. आदिवासी सेंगेल अभियान के समर्थकों की तरफ से देश में सरना धर्म कोड को अविलंब लागू करने की मांग की जा रही थी.
इसे भी पढ़ें-आम बजट 2021: जानिए सरायकेला में सर्विस सेक्टर से जुड़े लोगों की बजट से क्या हैं उम्मीदेंचलाया जाएगा जन जागरूकता अभियानआदिवासी सेंगेल अभियान प्रमुख सालखन मुर्मू ने बताया है कि भारत वर्ष में 2021 जनगणना का वर्ष है. इस जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल करने के लिए लगातार सरकार से मांग की जा रही है. उन्होंने बताया है कि देश के 15 करोड़ आदिवासियों को सरना धर्म कोड लागू नहीं होने से उन्हें अब तक उनका हक अधिकार और सम्मान नहीं मिल पाया है. जिसके लिए सालखन मुर्मू ने केंद्र की भाजपा सरकार और झारखंड़ में जेएमएम पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि फरवरी माह में आदिवासी बहुल प्रदेश में जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. अगर सरना धर्म कोड लागू नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन होगा.