जमशेदपुरःपूर्वी सिहभूम जिले के समाहरणालय सभागार में सोमवार को उपायुक्त सूरज कुमार की अध्यक्षता में दुर्गा पूजा को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई. बैठक में उपायुक्त ने दुर्गा पूजा को लेकर सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन कराते हुए भीड़-भाड़ नहीं लगाने, अपराध पर निगरानी रखने, लॉ एंड ऑर्डर का विशेष ध्यान देने, पूजा के दौरान भारी वाहनों का शहरी क्षेत्र में समय निर्धारित कर प्रवेश कराने के निर्देश दिए.
दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन
उपायुक्त ने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर इस वर्ष पूजा का आयोजन धार्मिक रीति रिवाजों के निर्वहन को लेकर किया जा रहा है. ऐसे में आम लोगों की भागीदारी नहीं होनी चाहिए. बैठक में उपायुक्त ने राज्य सरकार की ओर से दिए गए उपरोक्त दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराने का भी निर्देश दिया. साथ ही बताया कि उक्त दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने पर संबंधित दुर्गापूजा पंडाल के अध्यक्ष, सचिव के खिलाफ सुसंगत धाराओं के तहत विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.
धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजन की अनुमति नहीं
उपायुक्त ने कहा कि किसी भी पूजा पंडाल के सामने कैंप लगाकर किसी भी वक्त कोरोना जांच की जाएगी. ऐसे में आवश्यक है कि लोग अनावश्यक भीड़ न लगाए. पंडाल में कतार बद्ध होने की व्यवस्था, बुजुर्ग, बच्चे और बीमार लोगों को पंडाल आने की अनुमति नहीं होगी. किसी भी सोसाइटी या सार्वजनिक स्थानों में किसी तरह के धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजन की अनुमति नहीं होगी.
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बैठक में मौजूद लोग
बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ. एम तमिल वणन, एसडीएम धालभूम नितीश कुमार सिंह, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर नंदकिशोर लाल, निदेशक डीआरडीए सौरव कुमार सिन्हा, एसडीएम घाटशिला सत्यवीर रजक, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार, तीनों नगर निकाय के विशेष/कार्यपालक पदाधिकारी, सभी पुलिस उपाधीक्षक, शहरी क्षेत्र के थाना प्रभारी, इंसिडेंट कमांडर उपस्थित थे.
जारी दिशा-निर्देशों के आलोक में निम्नांकित निर्देश दिए गए
- दुर्गा पूजा का त्योहार छोटे पंडाल या मंडप में पारंपरिक रूप से मनाएं, जनता की सहभागिता के बिना मनाएं, आयोजक के अतिरिक्त अन्य व्यक्ति पूजा पंडाल में भीड़ न लगाए, आम जनता अपने घर में दुर्गा पूजा का त्योहार मनाए.
- दुर्गा पूजा पंडाल को सुरक्षा के दृष्टिकोण से चारों तरफ से घिरा रहना आवश्यक है.
- दुर्गा पूजा पंडाल का निर्माण कोई थीम पर आधारित नहीं होगा.
- दुर्गा पूजा पंडाल के आस-पास के क्षेत्र में किसी भी प्रकार की लाइटिंग, डेकोरेशन वर्जित है.
- दुर्गा पूजा पंडाल के क्षेत्र में स्वागत द्वार या तोरण द्वार के निर्माण की अनुमति नहीं होगी.
- मूर्ति स्थान को छोड़कर पूजा पंडाल का पूरा क्षेत्र हवादार होना आवश्यक होगा.
- मां दुर्गा की प्रतिमा 4 फीट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
- सार्वजनिक उद्घोषणा (माइक से पब्लिक का संबोधन) प्रणाली का उपयोग वर्जित होगा.
- दुर्गा पूजा के अवसर पर किसी भी तरह के मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा.
- दुर्गा पूजा पंडाल के पूरे क्षेत्र में खाने-पीने के सामान का स्टॉल, ठेला-खोमचा लगाने की अनुमति नहीं है.
- दुर्गा पूजा पंडाल में आयोजकों, पुजारियों और पंडाल के सदस्य कर्मियों की एक समय में 7 से अधिक की संख्या की अनुमति नहीं है.
- मूर्ति विसर्जन का जुलूस की अनुमति नहीं है. विसर्जन के लिए जिला प्रशासन की ओर से निर्धारित स्थल पर यह मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा.
- पूजा पंडाल के पूरे क्षेत्र में संगीत का कोई मनोरंजक, सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं किया जा सकता है.
- सामुदायिक भोज, प्रसाद, भोग आदि के वितरण की अनुमति नहीं है.
- पूजा आयोजन समिति या आयोजकों की ओर से किसी भी प्रकार का आमंत्रण नहीं दिया जाएगा.
- पूजा पंडाल के उद्घाटन के लिए जन समारोह या कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं है.
- सार्वजनिक स्थलों पर गरबा, डांडिया कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं है.
- रावण पुतला दहन कार्यक्रम की अनुमति नहीं है.
- सार्वजनिक स्थलों पर चेहरे पर फेस कवर के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा.
- सार्वजनिक स्थलों पर स्वयं प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 2 गज या 6 फीट की दूरी बनाए रखना अनिवार्य हैं.
- पूजा पंडाल में उपस्थित होने वाले लोगों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल- सामाजिक दूरी, मास्क का उपयोग, स्वच्छता और सेनेटाइजेशन के संबंध में केंद्र राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की ओर से निर्गत निर्देशों का पालन करना आवश्यक होगा.
- पूजा पंडाल के आयोजकों को सरकार और जिला प्रशासन की ओर से लागू किए जाने वाले सभी निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है.