जमशेदपुर: नव वर्ष को लेकर कोविड-19 सक्रंमण को रोकने के उद्देश्य से सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन के कारण इस बार 31 दिसंबर को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम का कही भी आयोजन नहीं किया गया, जिससे एक बार फिर करीब 9 माह से आर्थिक परेशानी से जूझ रहे कालाकारों को परेशानी का सामना करना पड़ा. कलाकार हों या डीजे वाले सभी को 31 दिसबंर का विशेष इंतजार रहता है.
31 दिसंबर के जाने और नव वर्ष के आगमन को लेकर कई जगह सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, लेकिन कलाकारों की संख्या कम होती है. इसलिए इनकी डिमांड अधिक होती है, इसलिए कहा जाए कि इनके लिए बोनस का समय होता है. शहर के विभिन्न होटलों के अलावा कई जगह में सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने वाले शकंर झा ने बताया कि कोविड-19 के सक्रंमण को रोकने के लिए लाॅकडाउन की वजह से हम कलाकारों की स्थिति वैसे ही खराब थी. 31 दिसंबर को लगा कि कार्यक्रम कर कुछ पैसा आ जाएगा, लेकिन सरकार की तरफ से कारण हमें लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. उन्होने बताया कि हर बार की तरह कुछ होटलों में कार्यक्रम के लिए बुक भी किया गया था, लेकिन गाइडलाइन अंतिम समय में आने के कारण काफी नुकसान हुआ.
- डीजे (लाईट+स्टेज+एलईडी स्क्रीन वाल +सार्फी)- दो लाख से तीन लाख
- डांसर ग्रुप (कोलकोता)- 50 हजार से 60 हजार
- आर्टिस्ट-10-15 हजार
- बाहरी कालाकार- उनके अनुसार दर
- गिटार बजाने वाला- 6,000
- कैसियो- 7,000
- ढोलक बजाने वाला- 5,000-6,000
- बेस गिटार- 4,000
- सेक्सो फोन- 15,000
- मंच संचालन-6,000 से 10,000