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कोरोना ने धनतेरस पर बढ़ाई तांबे की चमक, बाजार में भारी मांग - धनतेरस पर बाजारों में छाई रौनक

इस बार कोरोना महामारी के चलते लोगों में तांबे के बर्तन खरीदने की भारी उत्सुकता देखी जा रही. इसकी मुख्य वजह सेहत है. तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से बेहतर स्वास्थ्य रहता है. जमशेदपुर के बाजारों में लोग जमकर तांबे के बर्तन खरीद रहे हैं.

तांबे की चमक
तांबे की चमक

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Published : Nov 10, 2020, 4:49 PM IST

जमशेदपुरः धनतेरस में अब कुछ दिन ही शेष बचे हैं और धनतेरस में बरतन या कोई समान खरीदने की परंपरा रही है.इस वर्ष बाजारों में दुकानदारों ने धनतेरस को लेकर काफी तैयारियां है. खासकर लोगों की मांग को देखते हुए इस बार बाजारों में तांबे के बर्तन कई किस्म के उपलब्ध है.

धनतेरस पर तांबे की चमक

क्योंकि कोविड-19 के दौर ने लोगों को स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा जागरूक कर दिया है. कोरोना वायरस को देखते हुए लोगो ने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने के लिए सुबह टहलने से लेकर योग तक और खाने पीने में ज्यादा ध्यान देने लगे हैं.

इसका तहत कई लोग तांबे के बर्तन में पानी पीने लगे हैं, क्योंकि माना जाता है कि तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से शरीर को जरूरी मिनरल्स मिलते हैं. बाजार में कई प्रकार के तांबे के बर्तन मिल रहे हैं. इसमें पीने का पानी रखा जा सकता है ,जिसमें तांबे का जग, थर्मस और मटका भी शामिल है.

वर्ष 2019 में धनतेरस के समय तांबे से बने बर्तनों की कीमत 400 से ₹800 और पीतल के बर्तनों के 600 से ₹700 प्रति किलोग्राम थी, लेकिन इस बार कीमत में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं हुई है जो राहत देने वाली बात है.

तांबे का बर्तन फिर ₹100 से लेकर ₹5000 तक उपलब्ध हैं. वहीं कई लोगो ने धनतेरस में इस बार तांबे का बर्तन खरीदने का मन बना लिया है. लोगों का मानना है कि धनतेरस में कुछ न कुछ सामानों को खरीदना जरूरी है इस कारण इस तांबे के बर्तन में पानी का पीने से शरीर मे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और स्वास्थ्य भी ठीक रहता है.

बर्तनों की कीमत

  • जग -एक लीटर, डेढ़ लीटर दो लीटर -400-600 रूपए
  • थाली -400-600 रुपए
  • ग्लास -150-250 रुपए
  • लोटा -150-800 रुपए
  • बोतल -एक लीटर-500 रुपए
  • मटका -8 से 16 लीटर -2000-6000 रुपए
  • पीतल की बर्तन की कीमत हांडी -600-700 रुपए प्रति किलोग्राम
  • बाल्टी-550-650 रुपएप्रति किलोग्राम
  • परात -650 रुपए प्रति किलोग्राम
  • कढ़ाही-650 रुपए प्रति किलोग्राम
  • कठौत -550-650 रुपए प्रति किलोग्राम

वैसे जानकारों का मानना है कि तांबे के बर्तन में पानी पीने से कई प्रकार की बीमारियां नहीं होती है जिसमें सीधे तौर पर शरीर में कॉपर की कमी को पूरा करता है.

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बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से सुरक्षा देता है. वहीं तांबे के बर्तन में रखा पानी पूरी तरह से शुभ माना जाता है यह सभी डायरिया पीलिया डिसेंट्री और अन्य प्रकार की बीमारियों को पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर देता है.

यही नहीं तांबे में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर में दर्द ,ऐंठन और सूजन की समस्या नहीं होने देते हैं. आर्थराइटिस की समस्या से निपटने में भी तांबे का पानी फायदेमंद होता है.

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