जमशेदपुर/रांचीः स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और निर्दलीय विधायक सरयू राय के बीच का विवाद अब कोर्ट की दहलीज पर जा पहुंचा है. मंत्री बन्ना गुप्ता ने सरयू राय पर गंदी राजनीति का आरोप लगाते हुए जमशेदपुर कोर्ट में आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का मुकदमा दायर किया है. जिसमें कहा गया है कि विधायक ने तथ्यहीन आरोप लगाकर, भ्रामक प्रचार कर स्वास्थ्य मंत्री छवि को धूमिल करने की कोशिश की है, जिससे इनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है.
सरयू राय के खिलाफ मुकदमा दायर, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जमशेदपुर कोर्ट में दी याचिका - complaint against mla Saryu Rai
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने विधायक सरयू राय के खिलाफ शिकायतवाद दर्ज कराया है. जिसमें कहा गया है कि सरयू राय ने तथ्यहीन आरोप लगा कर मंत्रीजी की छवि को खराब करने की कोशिश की गई है.
मंत्री के प्रेस सलाहकार संजय ठाकुर ने बताया कि विधायक सरयू राय ने कुछ दिन पूर्व कोविड प्रोत्साहन राशि की निकासी में अनियमितता का आरोप लगाया था. इसपर स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से प्रेस के जरिए जवाब भी दिया गया था. मंत्री की तरफ से दावा किया गया था कि उनकी तरफ से किसी तरह की अनियमितता नहीं हुई है. इसकी जानकारी मिलते ही मंत्री कोषांग के सभी कर्मियों को मिलने वाली प्रोस्ताहन राशि को वापस करने का निर्देश विभाग को दे दिया गया था. फिर भी विधायक सरयू राय इस मसले पर ओछी राजनीति करते रहे. इसी आलोक में सरयू राय को कानूनी नोटिस भेजकर मंत्री से माफी नहीं मांगने पर लीगल एक्शन लेने की बात कही गयी थी. विधायक की तरफ से जवाब नहीं आने के बाद उनके खिलाफ जमशेदपुर कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया गया है.
इससे पहले मंत्री की तरफ से नोटिस मिलने के बाद सरयू राय ने स्पष्ट कर दिया था कि लीगल नोटिस में ऐसा कुछ नहीं है, जिसका जवाब दिया जाए. उन्होंने मंत्री को मुकदमा दायर करने की चुनौती दी थी. आपको बता दें कि प्रोस्ताहन राशि की निकासी के मामले में सरयू राय और बन्ना गुप्ता के बीच पिछले कुछ दिनों से लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. 23 अप्रैल को मंत्री बन्ना गुप्ता नें जमशेदपुर के मानगो में 113 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया था. इसपर सरयू राय ने कहा था कि मागगो को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने के नाम पर साकची और मानगो के बीच तीसला पुल बनाना तकनीकी, वित्तीय और यातायात के नजरिए से अव्यवहारिक है. उन्होंने यहा तक कहा था कि संतुलित मस्तिष्क वाला शख्स तीसरा पुल बनाकर मानगो का ट्रैफिक बोझ कम करने की नहीं सोच सकता. इसपर जमशेदपुर में आयोजित एक अभिनंदन समारोह के दौरान मंत्री ने कहा था कि मैं झूठे आरोपों से नहीं घबराता. बहरहाल, अब दोनों नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप की बात कानूनी रंग ले चुकी है. देखना है कि सरयू राय अब किस तरह से जवाब देते हैं.