जमशेदपुर: भीषण गर्मी में सूख रहे हलक को तर करना किसी चुनौती से कम नहीं है. कई बार पास में पानी है पर प्लास्टिक की बोतल में पानी गर्म हो जाने से हलक के नीचे नहीं उतरता. घर में फ्रिज के पानी के लिए बिजली की जरूरत. मुश्किल यहीं खत्म नहीं होती फ्रिज का पानी सेहत के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है. लेकिन गले को तो ठंडे पानी की ही जरूरत है. आपकी इस सभी चिंताओं का समाधान कर दिया है जमशेदपुर के कुम्हारों ने, अब सेहत और शीतलता साथ ही मिलेगी. नए जमाने के लिए उन्होंने नए जमाने की मिट्टी की बोतल बनाई है. जिसके पानी से सेहत की चिंता भी नहीं होगी, शीतलता भी मिलेगी. सबसे खास है कि आप घर में रहे आउटिंग पर साथ ले जा सकते हैं. यानी हर चिंता का समाधान.
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पोर्टेबिलिटी है खासियतःदरअसल, ऐसे लोग जो फ्रिज का ठंडा पानी नहीं पीना चाहते थे. उनके लिए हर गर्मी के मौसम में कुम्हार घड़े और सुराही बनाते थे. लेकिन इसको साथ ले जाना संभव नहीं था. जमशेदपुर के कुम्हारों ने इस समस्या का समाधान ढूंढ़ लिया है. कुम्हारों ने मिट्टी की बोतल बनाई है, जिसमें कैप भी लगा है. यानी आपके हाथों में ही आपका प्राकृतिक फ्रिज रहेगा, जो पानी को शीतल करेगा. खास बात है कि इसको पोर्टेबल बनाया गया है यानी इसे कहीं ले जाना और ले आना आसान है. इसमें कैप की भी व्यवस्था है यानी पानी न तो गिरेगा और न ही कोई गंदगी आदि बोतल में जा सकेगी. वहीं पानी में मिट्टी से मिलने वाले कई पोषक तत्व भी इसमें बरकरार रहेंगे.
डिजायनर मिट्टी की बोतलःइस बोतल कीखासियत यहीं नहीं खत्म हो जाती है. पैकेजिंग के जमाने में यह बोतल प्लास्टिक की डिजायनर बोतलों को टक्कर दे रही है. इनको इस तरह से डिजायनर और कलरफुल बनाया गया है कि प्लास्टिक की बोतलों की खूबसूरती फिकी पड़ जाए. बोतलों पर पेड़, पौधे, पशु पक्षी भी बनाए गए हैं, जो बरबस ही लुभाती हैं और शौकीनों की तो बात ही क्या करें. इसलिए नए जमाने की इन बोतलों का जमशेदपुर में क्रेज दिख रहा है.
कुम्हारों में उत्साहः अपनी तकनीक में थोड़ा सा बदलाव करने से मिल रहे अच्छे रिस्पॉन्स से कुम्हार भी उत्साहित हैं. उन्हें सबक भी मिला है कि पुरानी तकनीक में थोड़ा बदलाव कर किस तरह परंपरागत काम को लाभदायी बनाया जा सकता है. बाजार से मिट्टी की बोतल खरीदने आई छात्रा फाइका अनवर का कहना है कि मिट्टी से बने बर्तन में पानी पीने से कई लाभ मिलते हैं. प्लास्टिक की बोतल में पानी पीना हेल्दी नहीं है, लेकिन मिट्टी के बर्तन का पानी पूरी तरह से शुद्ध होता है.
पर्यावरण फ्रेंडली बोतलःसैकड़ों प्रयोगों में कहा गया है कि प्लास्टिक को डिस्पोज करना काफी मुश्किल काम है. इसका जितना इस्तेमाल होगा, वह पर्यावरण के लिए भी ठीक नहीं है. मिट्टी की बोतल इस समस्या का भी समाधान कर देती है. यानी यह पर्यावरण फ्रेंडली है. इसलिए बाजार में मिट्टी की बोतल खरीदने आए एक ग्राहक ने मिट्टी की बोतल खरीदने की अपील की है. साथ ही मिट्टी की बोतल के इस्तेमाल से हम अतिरिक्त खर्च किए बिना ही गरीब कुम्हारों की मदद कर सकते हैं.
ग्राहकों को लुभा रहा बोतलः मिट्टी की बोतल बेचने वाले एक दुकानदार का कहना था कि बाजार में मिट्टी की बोतल और मिट्टी का जग लोगों को खूब पसंद आ रहा है. उसने कोलकाता से मिट्टी के बोतल मंगाए हैं. हालांकि जमशेदपुर में भी कुछ कुम्हार ऐसे ही मिट्टी के बोतल बना रहे हैं. बाजार में 1 लीटर, सवा लीटर और डेढ़ लीटर क्षमता वाले मिट्टी के बोतल ढक्कन के साथ उपलब्ध हैं. जिस तरह मिट्टी के घड़े में ठंडा पानी मिलता है, ऐसे ही मिट्टी के बोतल में भी पानी ठंडा रहता है. इससे रास्ते में ठंडे पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ता.