जमशेदपुर: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने जमशेदपुर के उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि झारखंड प्रदेश जनजातीय बहुल राज्य है और संविधान की पांचवी अनुसूची के अंतर्गत राज्य के लगभग 118 प्रखंड अनुसूचित क्षेत्र के रूप में शासित है. इन क्षेत्रों में अधिकतर जनजातीय समुदाय के लोग रहते हैं, भारतीय संविधान और स्थानीय काश्तकारी अधिनियम छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम और संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश के जनजातीय समाज की सुरक्षा संरक्षा और उनके अधिकारों के संबंध में नीति निर्धारण करना राज्य सरकार के ऊपर है.
छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम और संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम झारखंड प्रदेश में अनुसूचित जनजाति समुदाय के भूमि की संरक्षण किए जाने हेतु लागू किए गए है. इसके बावजूद इस समाज के पास से उनकी जमीन गैर जनजाति दबंगों, दलालों और खासकर मिशनरियों के द्वारा गैर वाजिब तरीके से लिया जा रहा है.
प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि काश्तकारी अधिनियम मोहित प्रावधानों के बावजूद किस प्रकार जनजातीय भूमि का हस्तांतरण ईसाई मिशनरियों के द्वारा किया गया है. क्या किसी धर्मांतरण करने वाले जनजाति वर्ग के सदस्य के नाम पर मिशनरियों द्वारा भूमि पर कब्जा या अधिकार स्थापित किया गया है. छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम की धारा 46 तथा 49 के प्रावधानों और समान प्रकार से संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए दस्तावेजों के आधार पर जनजाति वर्ग की भूमि इन मिशनरियों ने कब्जे में लेकर अपने उपयोग में लाई जा रही है. इस तरह की पूरी मामले की जांच होनी चाहिए.