जमशेदपुरः इसरो के नई मिशन चंद्रयान 3 की सफलता ने विश्व के मानचित्र पर देश का मान बढ़ाया है. पूरा देश इस मिशन की कामयाबी पर जश्न मना रहा है. वहीं इस अभियान में जमशेदपुर के रहने वाले एक युवा वैज्ञानिक आशीष कुमार शर्मा भी शामिल हैं. जिनके घर में खुशी का माहौल है. आशीष के मां पिता पुत्र के इस टीम में शामिल होने पर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- Chandrayaan 3 में झारखंड के वैज्ञानिक सोहन यादव की अहम भूमिका, सफल लैंडिंग के लिए मां ने रखा व्रत
इसरो के वैज्ञानिकों की कठिन परिश्रम के बाद चांद के दक्षिणी छोर पर सफलता पूर्वक पहुंचने वाला भारत पहला देश है. इसके पूर्व चंद्रयान 2 को इस मिशन पूरी तरह सफलता नहीं मिल पाई थी. चंद्रयान 3 की सफलता में जमशेदपुर के युवा वैज्ञानिक आशीष कुमार शर्मा का भी योगदान रहा है. आशीष चंद्रयान 3 की ट्रैकिंग टीम में शामिल हैं. जमशेदपुर के परसुडीह क्षेत्र के हलुदबनी इलाके से निकलकर इसरो तक का सफर आशीष के लिए काफी कठिन रहा है. आशीष के पिता कन्हैया शर्मा निजी कंपनी में कार्यरत हैं माता प्रतिमा शर्मा एक गृहणी है. आशीष दो भाइयों में सबसे बड़ा है.
आशीष के पिता कन्हैया शर्मा ने बताया कि आशीष बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज था, उसका रुझान तकनीकी ज्ञान मे ज्यादा रहा है. आशीष की प्रारंभिक शिक्षा बर्मामाइंस स्थित हाई स्कूल से पूरी हुई और फिर पोखारी के नेताजी पब्लिक स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की. इसके बाद एनआईटी जमशेदपुर से साल 2015 में बीटेक की डिग्री हासिल की 2016 मे इसरो द्वारा वैकेंसी निकाले जाने पर तीन चरण में परीक्षा होने के बाद एक ही बार में आशीष का इसरो के लिए चयन हुआ.
2022 शादी के बाद आशीष अपनी पत्नी के साथ बेंगलुरु में हैं. उनके पिता ने बताया कि वो फोन पर कम बातें किया करता था, इतना जरूर बताया था कि एक नए मिशन के लिए उनका चयन हुआ है. चंद्रयान 3 की सफलता के बाद उससे बात हुई है. मैंने उसे बधाई दी है माता पिता के लिए इससे बड़ा और कोई गर्व की बात नहीं हो सकती. वहीं आशीष की माता प्रतिमा शर्मा ने बताया की जिस बेटे को 9 माह कोख मे रख उसे जन्म दिया आज वो बेटा देश का नाम रौशन कर रहा है, एक मां के लिए इससे बड़ी खुशी क्या होगी. आशीष की दादी भी परिवार के सभी सदस्यों को मिठाई खिलाकर बधाई दी हैं.