जमशेदपुर (बहरागोड़ा)ःचाकुलिया के बांस से बनी सामग्री देश के कई राज्यों में घरों की शोभा बढ़ा रही पर हैं पर प्रदेश के जनप्रतिनिधियों में बांस से बनी सामग्री के उद्योग को बढ़ावा देने की दृष्टि नजर नहीं आती. नतीजतन राज्य कच्चा माल मुहैया कराने वाला राज्य बन गया है. इससे राज्य की समृद्धि का रास्ता नहीं खुल पा रहा है. अगर यहां इससे निर्मित सामग्री फर्नीचर आदि की बिक्री की व्यवस्था हो तो स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही प्रदेश की तरक्की का रास्ता खुल सकता है.
कई राज्यों में चाकुलिया के बांस की मांग
पूर्वी सिंहभूम का चाकुलिया वन क्षेत्र बांस के लिए विख्यात है . बांस उत्पादन में जिला झारखंड राज्य में अव्वल है. बांस नगरी चाकुलिया की बांस की मांग हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़, ओडिशा समेत कई राज्यों में है.
इस वन क्षेत्र से प्रति माह लगभग 150 से 200 ट्रक बांस की आपूर्ति देश के दूसरे राज्यों में होती है. बांस यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है पर विडंबना है कि यहां के जनप्रतिनिधि इसे बढ़ावा देने में रुचि नहीं दिखा रहे. अगर यहां किसानों को थोड़ी मदद मिल जाय तो क्षेत्र की तरक्की के साथ प्रदेश की समृद्धि की राह खुल सकती है.
कागज कारखाने का वादा नहीं निभाया
कई बार सरकारी घोषणाओं के बावजूद इस वन क्षेत्र में कागज की फैक्ट्री स्थापित नहीं हो सकी है. कागज का कारखाना खुल जाने से यहां के हजारों किसानों को लाभ मिलता. क्षेत्र में रोजगार का भी सृजन होता. केंद्र सरकार द्वारा लंबे बांस को परिवहन अनुज्ञा पत्र से मुक्त करने के कारण किसान और व्यापारियों को लाभ हुआ है.