जमशेदपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने देश के अनुसूचित जाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को बहुत बड़ा तोहफा दिया है. अनुसूचित वर्ग के उत्थान को लेकर केंद्र सरकार का यह ऐतिहासिक और बड़ा फैसला है. ये बातें कालिंदी सोसाइटी में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा की आयोजित प्रेस वार्ता में जिलाध्यक्ष अजीत कालिंदी ने कही.
6 हजार करोड़ रुपए के कुल निवेश को अनुमोदन प्रदान
कालिंदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले पांच वर्षों में चार करोड़ से अधिक अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए "मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (पीएमएस-एससी)" की केंद्रीय प्रायोजित स्कीम बड़े और रूपांतरात्मक परिवर्तनों के साथ अनुमोदित की है, ताकि छात्र अपने उच्चतर शिक्षा को बिना किसी रुकावट के सफलतापूर्वक पूरा कर सकें. मंत्रिमंडल ने लगभग 6 हजार करोड़ रुपए के कुल निवेश को अनुमोदन प्रदान किया है, जिसमें से केंद्र सरकार 60 प्रतिशत खर्च करेगी और शेष राशि राज्य सरकारों की ओर से खर्च की जाएगी.
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पूर्व की अपेक्षा हर साल पांच गुणा अधिक राशि खर्च होगा
वहीं, भाजपा महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने कहा कि इस छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से देश के चार करोड़ से अधिक और झारखंड के 42 लाख अनुसूचित परिवार के छात्रों को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले छात्रों की शिक्षा प्राप्ति पर अब पूर्व की अपेक्षा हर साल पांच गुणा अधिक राशि खर्च होगा. इस योजना में छात्रवृत्ति स्कीम दसवीं के बाद उच्च शिक्षा के तहत ट्यूशन फीस, रहने-खाने का भत्ता और शोध के लिए दिया जाएगा. अब यह राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि वह इस योजना के तहत राज्य के कितने छात्रों को स्वीकृति प्रदान करते हैं.
छात्रवृत्ति योजना की राशि बढ़ने से बदल जाएगी स्थिति
गुंजन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससी छात्रों के भविष्य संवारने का ऐतिहासिक फैसला लिया है. छात्रों के उच्च शिक्षा में अब गरीबी बाधा नहीं बनेगी. राशि कम होने के कारण कई राज्य समय पर छात्रवृत्ति नहीं दे पाते थे या उस रकम का इस्तेमाल किसी और उद्देश्य के लिये कर लेते थे, जिससे छात्रवृत्ति नहीं मिलने से छात्रों के पढ़ाई छोड़ने के मामले बढ़ रहे थे. छात्रवृत्ति योजना की राशि बढ़ने से अब यह स्थिति बदल जाएगी.