जमशेदपुर:पूर्वी सिंहभूम जिला का पटमदा क्षेत्र खेती बहुल इलाका है. वहां के किसान पहली बार ब्रोकली की खेती कर रहे हैं, जिसे हरा गोभी कहा जाता है. बड़े शहरों में महंगी कीमत पर बिकने वाले ब्रोकली की खेती से पटमदा के किसानों को उम्मीदें भी हैं.
जमशेदपुर से 40 किलोमीटर दूर पटमदा प्रखंड का घोड़ा बाधा गांव है, जहां के जोड़सा पंचायत में एक किसान ने ब्रोकली की खेती की है, जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना बन गया है. जोड़सा पंचायत में 15 साल से खेती करने वाले रंजीत गोराई ने पहली बार प्रशासन की पहल पर ब्रोकली की खेती की है. लीज पर लिए गए डेढ़ एकड़ जमीन पर रंजीत ने ब्रोकली की उपज के लिए कड़ी मेहनत की है. इसके पहले रंजीत गोराई ने अपने खेत में टमाटर और अन्य हरी सब्जियों की खेती करते थे.
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ब्रोकली की अच्छी उपज से किसानों में खुशी
रंजीत गोराई के खेत में हरा भरा ब्रोकली की अच्छी उपज हुई है और उसे सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने अपने खेत के चारों तरफ जाली लगाकर घेराबंदी कर दी है, जिससे पशुओं से फसल को बचाया जा सके. ब्रोकली की पहली उपज को देखकर रंजीत गोराई काफी उत्साहित हैं. वह बताते हैं कि पहली बार उन्हें ब्रोकली के बारे में बताया गया और वह उसकी खेती कर रहे हैं.
ब्रोकली स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
पटमदा में ब्रोकली की खेती पहली बार की जा रही है. रंजीत गोराई ने बताया कि खेती के दौरान उन्हें पता चला कि ब्रोकली से शरीर को कई फायदे भी हैं, कई बीमारियों के लिए लाभदायक भी है. ब्रोकली की फसल से उन्हें उम्मीद है की इससे फायदा होगा अगर बाजार अच्छा मिला तो आने वाले दिनों में वो ब्रोकली की ही खेती करेंगे. रंजीत गोराई ने बताया कि वह ब्रोकली के सही उत्पादन के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं.
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ब्रोकली की खेती झारखंड में कम होती है अन्य शहरों के कुछ ही दुकानों में ब्रोकली उपलब्ध रहता है. कम जगहों पर उत्पादन होने के कारण ब्रोकली बाहर से मंगाया जाता है. आम सब्जियों की अपेक्षा ब्रोकली में कई ऐसे गुण हैं जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है, जिसके कारण यह महंगा होता है. पटमदा में ब्रोकली की खेती को देखकर दूसरे किसान भी अब इस उम्मीद पर हैं कि इसका बाजार अच्छा रहा तो वह भी इसी की खेती करेंगे.
पटमदा है खेती बहुल इलाका
पटमदा प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी शंकराचार्य ने बताया कि पटमदा खेती बहुल इलाका है और वहां जलवायु को देखते हुए पहली बार ब्रोकली की खेती के लिए पहल की गई है. उन्होंने बताया कि उत्पादन बेहतर होने पर किसानों को बाजार उपलब्ध कराया जाएगा, बाजारों में ब्रोकली का ज्यादा डिमांड है यह कई औषधीय गुणों से भरा हुआ है.