जमशेदपुरः पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी के एक ट्वीट से छायानगर के डब्बा लाइन में रहने वाले दृष्टिहीन बीरू कुमार नाग की जीवन बदलने वाली है. महीनों से जाति प्रमाण पत्र में पेंच से बीरू को काफी दिक्कतें आ रही थीं. बैंक ऑफ इंडिया में क्लर्क पद पर बीरू कुमार नाग का चयन हुआ है. अपनी मेहनत और योग्यता के बल पर बीरू नाग ने बैंक की परीक्षाओं को क्लीयर कर लिया और जॉइनिंग लेटर भी मिल गया था, लेकिन अचानक से जाति प्रमाण पत्र को लेकर उत्पन्न कठिनाइयों ने उसके सपनों पर जैसे ग्रहण लगा दिया हो.
अंचल से लेकर अक्षेस और जिला समाहरणालय तक दृष्टिहीन बीरू कुमार नाग महीनों चक्कर लगाता रहा किंतु दस्तावेजों में त्रुटि बताकर कर्मचारी उसकी मदद करने के बजाए उसे दुत्कार कर बेरंग लौटा देते थे. ऐसे में उनके दोस्त विश्वरूप पंडा ने प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाडंगी से संपर्क किया. पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने इस मुद्दे को ट्वीट कर सरकार और जिला प्रशासन को टैग किया जिसके बाद से पूरा तंत्र सक्रिय हो गया.
पूर्व विधायक की ट्वीट पर संज्ञान लेकर बैंक ऑफ इंडिया ने भी अपने स्तर से विभागीय पहल कार्रवाई थी. जिला प्रशासन की सक्रियता पर अंतत: बीरू कुमार नाग का कास्ट सर्टिफिकेट बन गया और बैंक ज्वाइन करने की उनकी अड़चनें दूर हो गईं.
शुक्रवार को पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी खुद वीरू के घर बधाई देने पहुंचे. उन्होंने मिठाई खिलाकर और पुष्पगुच्छ भेंटकर बीरू कुमार नाग को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी. यह अत्यंत ही भावुक पल था जब बीरू और उनकी बहन ने भावना जाहिर करते हुए कुणाल षाड़ंगी और जिला उपायुक्त के प्रति कृतज्ञता व्यक्त किया.
कुणाल षाड़ंगी और मीडिया को आपबीती सुनाते हुए बीरू नाग ने बताया कि उसके सिर से मां बाप का साया बचपन में ही चला गया था. आठ वर्ष की उम्र में अंधेपन का शिकार हो गया जिसके बाद बड़ी बहन बासु कुमारी ने बाजारों में मछली बेचकर उसे पाला.