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Published : Jun 26, 2022, 9:44 PM IST

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बीजेपी नेता रघुवर दास ने हेमंत सरकार पर साधा निशाना, कहा- सिर्फ नींद में विभोर है सरकार

जमशेदपुर में बीजेपी नेता रघुवर दास ने हेमंत सरकार पर निशाना (Raghubar Das targets Hemant Government) साधा है. उन्होंने कहा कि सरकार ना चल रही है, ना रेंग रही है वो नींद में विभोर है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस वजह से राज्य का विकास नहीं हो पा रहा है.

BJP leader Raghubar Das targets Hemant Government
बीजेपी नेता रघुवर दास

जमशेदपुरः झारखंड की वर्तमान सरकार ना चल रही है, नहीं रेंग रही है सिर्फ नींद में विभोर है और जो नींद में विभोर हो उससे संवेदना की उम्मीद करना पानी गर्म कर गाढ़ा करने की नाहक कोशिश भर है. यह कहना है भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (BJP leader Raghubar Das) का. उन्होंने अपने एक प्रेस बयान में उन्होंने राज्य की वर्तमान स्थिति पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि राज्य में बालू और गिट्टी की अनुपलब्धता राज्य के विकास को और पीछे ढकेल रही है, इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है.

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उन्होंने कहा कि 2020 से ना तो बालू घाटों की बंदोबस्ती हुई है ना पत्थर खदानों की नीलामी हुई. सरकार के संरक्षण में अवैध बालू एवं गिट्टी का कारोबार की खबर समाचार पत्रों में आती रही है. कहा जाता है कि अवैध बालू एवं गिट्टी बांग्लादेश तक भेजा गया है. अब ईडी द्वारा इसकी जांच-पड़ताल करने एवं लगातार समाचार पत्रों में धंधे का खुलासा होने पर दिखावे के लिए छापेमारी की जा रही है. सरकार अगर दूरदर्शी सोच रखती और समय पर बालू घाटों की बंदोबस्ती एवं पत्थर खदानों की निलामी की गयी होती तो आज बालू-गिट्टी के लिए हाहाकार नहीं होता.


पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री ग्राम्य सेतु योजना और अन्य सरकारी योजनाओं का निर्माण कार्य बालू गिट्टी के आभाव में दम तोड़ने वाली है. बालू और गिट्टी की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ प्रति दिन चौदह से पंद्रह सौ आवास बन रहे थे, वहीं अब यह घटकर पांच सौ से नीचे पहुंच गया है. इसी प्रकार मुख्यमंत्री ग्राम्य सेतु योजना के तहत बनने वाली पुल-पुलिया का निर्माण कार्य लगभग ठप है. जहां काम हो रहा है वहां काम करने में काफी मुश्किलें आ रही हैं. सरकारी निकम्मेपन की वजह से रियल एस्टेट का कारोबार लगभग ठप है. जो लोग निजी घर के निर्माण का सपना देख रहे थे, उनका सपना टूट कर बिखर रहा है.


पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकारी निर्माण कार्य, रियल एस्टेट कारोबार और निजी आवास निर्माण के क्षेत्र का कार्य प्रभावित होने के कारण राज्य के लगभग बीस-बाइस लाख मजदूर बेकार हो गए हैं. इन मजदूरों के सामने रोजी-रोटी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. दूसरी तरफ बालू-गिट्टी सप्लाई करने वाले ट्रैक्टर एवं हाइवा वाहन सड़क पर खड़े हो कर धूल फांक रहे हैं. इन ट्रैक्टर एवं हाइवा के मालिक जिस कारोबार को बड़े अरमान से खड़ा किया था उसे कोस रहें हैं. कारोबार ठप होने के कारण इनके लिए बैंकों का किस्त भुगतान करना मुश्किल हो गया है.


रघुवर दास नें सरकार पर अक्रमन्यता का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार मुस्तैद होती तो आज राज्य का विकास योजनाओं और रियल एस्टेट की यह दुर्गति नहीं होती. राज्य में पत्थर खदान की संख्या लगभग चार सौ है, विगत तीस मार्च को इनमें से साठ प्रतिशत, जो 241 खदान होता है कि लीज अवधि समाप्त हो गयी है. इन 241 पत्थर खदान से प्रतिदिन औसतन 32 हजार 32 टन पत्थर का खनन होता था. लीज समाप्ति के बाद इन खदानों के खनन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. बालू घाटों की बंदोबस्ती लंबित होने के कारण राज्य में बालू की कालाबाजारी बढ़ गयी है, तीन से चार गुणा अधिक दाम देकर बालू खरीदनी पड़ रही है. इन खदानों की नीलामी की प्रक्रिया कब तक खत्म होगी, यह भविष्य के गर्भ में है. उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वो इन खदानों की लीज प्रक्रिया तथा बालू घाटों की बंदोबस्ती यथाशीघ्र पूरी कराएं ताकि राज्य में बालू-गिट्टी की कमी की समस्या दूर हो सके.

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