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Published : Jan 8, 2020, 2:32 PM IST

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देशव्यापी हड़ताल से बैंकिंग सेवाओं पर पड़ा असर, जमशेदपुर में धारा 144 लागू

दस केंद्रीय मजदूर संगठनों की ओर से बुलाई गई देशव्यापी हड़ताल में बैंक कर्मचारियों के शामिल होने से बुधवार को बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ा है. इसका सीधा असर झारखंड समेत जमशेदपुर पर भी पड़ा है. हड़ताल की वजह से जमशेदपुर इंडस्ट्रियल टॉउन में तकरीबन तीन हजार करोड़ के कारोबार का नुकसान हो सकता है.

Banking services impacted due to nationwide strike in jamshedpur
हड़ताल पर बैंककर्मी

जमशेदपुर:केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियन ने भारत बंद बुलाया है. इसका सीधा असर झारखंड समेत पूर्वी सिंहभूम जिले में भी देखने को मिल रहा है. बुधवार को सरकारी बैंकों के साथ-साथ भारतीय जीवन बीमा निगम और डाकघर के कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं.

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जमशेदपुर में हड़ताल से होगा 3 हजार करोड़ का नुकसान

केंद्रीय ट्रेड यूनियन के देशव्यापी हड़ताल का सीधा असर जमशेदपुर में भी देखने को मिल रहा है. बैंक कर्मचारियों के कई यूनियन और जमशेदपुर के लगभग सभी सरकारी बैंकों के साथ बीमा कंपनी और पोस्ट ऑफिस भी बंद हैं. बैंक मर्ज और केंद्र की मोदी सरकार के नीतियों के विरोध में बुधवार को जमशेदपुर इंडस्ट्रियल टॉउन में तकरीबन तीन हजार करोड़ के कारोबार का नुकसान होगा. बुधवार को जमशेदपुर में धारा 144 लगने के कारण बैंककर्मी सड़क पर उतरकर प्रदर्शन नहीं करेंगे.

मोदी सरकार की नीतियां श्रमिक विरोधी

केंद्रीय मजदूर संगठनों की ओर से बुलाई गई देशव्यापी हड़ताल में बैंक कर्मचारियों के समर्थन से बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ा है. पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर चल रहे बैंक कर्मियों ने इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाते हुए सरकार की बैंकिंग नीतियों की आलोचना की है. बैंक कर्मचारियों का मानना है कि मोदी सरकार की नीतियां श्रमिक विरोधी है. बैंकों में काम कर रहे कर्मचारियों को पेंशन के लिए आने वाले समय में मजबूर होना पड़ेगा. इसको लेकर कर्मचारियों ने कहा कि सरकार श्रम कानून में बदलाव करके उनके अधिकारों का हनन कर रही है.

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पुराने पेंशन योजना को हटाना ठीक नहीं

हड़ताल की वजह से एटीएम मशीनों में बुधवार को पैसे की किल्लत होने की भी संभावना है. बैंकों में हड़ताल की वजह से एटीएम मशीन में पैसे नहीं डाले गए हैं. श्रमिक विरोधी नीतियों के कारण एक दिवसीय हड़ताल पर पोस्ट ऑफिस के कर्मचारी भी समर्थन में उतर गए हैं. पेंशन नीति के साथ पुराने पेंशन योजना को हटाया जाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बहरहाल ऐसे में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे लोगों में मोदी सरकार के प्रति गुस्सा भरा है. केंद्र की मोदी सरकार के लिए आने वाले समय में सीट बचना मुश्किल हो सकता है.

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