जमशेदपुर:कोविड-19 को लेकर देश में जारी लॉकडाउन के पांचवें चरण में सरकार ने कुछ सेवाएं शुरू करने की छुट दी है. एमएचए की गाइडलाइन में शादी-विवाह में सिर्फ पचास लोगों को शामिल करने को कहा गया है, लेकिन इसमें बैंड बाजा वालों को लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया है, ना ही कोई निर्देश जारी किया गया है. जिसके कारण बैंड वलों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है और वे अब भुखमरी के कगार पर है.
बैंड बाजा की हैं सौ दुकानें
जानकारी के अनुसार पूर्वी सिंहभूम जिला में 100 के करीब बैंड बाजा बुक करने की दुकानें हैं. जिनमें शहरी क्षेत्र में 60 के करीब दुकानें हैं. इन सभी बैंड बाजा वालों के पास काम करने वाले कलाकार बिहार के दरभंगा और समस्तीपुर के रहने वाले हैं. इसके अलावा लाइट और कैसियो के लिए स्थानीय स्तर के लोग काम करते हैं.
एक लगन में होती थी, दो से तीन लाख की कमाई
बैंड के पूरे सेट में कुल 25 की संख्या रहती है, जिनमें 11 बैंड वाले, 10 लाइट वाले, एक कैसियो बजाने वाला, दो ऑटो चालक, एक हेल्पर रहता है. पूरे एक सेट की बुकिंग 18 से 20 हजार रुपये में होती है. सिर्फ बैंड बाजा की बुकिंग 8 से 9 हजार रूपये में होती है. बैंड वालों का कहना है कि उन्हें एक लगन में 2 से 3 लाख तक कि कमाई हो जाती है.
अंतिम बार गुंजी है 11 मार्च को बैंड की धुन
लॉकडाउन से पूर्व 11 मार्च के लग्न के दिन शहर में अंतिम बार बैंड बाजा की धुन सुनने को मिली है और उस के बाद आज तक बंद है. 11 मार्च के बाद लगन में बुकिंग के सभी ऑर्डर कैंसिल कर दिया गया है और अब आगामी लगन के लिए भी बुकिंग नहीं हो रही है.