जमशेदपुर:जमशेदपुर और इसके आसपास क्षेत्रों में तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है. इस कारण जमशेदपुर होकर गुजरने वाली खरखई और स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. वहीं दोनों नदियों में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन अलर्ट मोड में है. इस संबंध में पूर्वी सिंहभूम के डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने सभी पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया है. वहीं दूसरी ओर धालभूम अनुमंडल पदाधिकारी ने खरखई नदी और स्वर्णरेखा नदी के किनारे 100 मीटर तक धारा-144 लागू कर दिया है.
Alert In Jamshedpur: जमशेदपुर में खरखई और स्वर्णरेखा नदी के किनारे प्रशासन ने लागू किया धारा 144, जानिए क्यों उठाना पड़ा यह कदम
पूर्वी सिंहभूम प्रशासन खरखई और स्वर्णरेखा नदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर अलर्ट है. प्रशासन ने एहतियातन दोनों नदियों के किनारे धारा 144 लागू कर दिया है. इस संबंध में धालभूम एसडीओ ने आदेश निर्गत कर दिया है. जिसमें कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं. वहीं प्रशासन ने मुखिया और पंचायत सचिव के साथ वीसी के माध्यम से बैठक कर तटीय इलाकों में माइकिंग कर लोगों को आगाह करने का निर्देश दिया है.
धालमूम एसडीओ के आदेश के प्रमुख अंशःधालभूम एसडीओ ने इसको लेकर आदेश निर्गत कर दिया गया है. जिसमें कहा गया है कि खरखई नदी और स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. इसलिए आमलोगों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए दोनों नदियों के तटों से 100 मीटर की दूरी तक धारा 144 प्रभावी रहेगा. यह निषेधाज्ञा दो अगस्त से पांच अगस्त के पूर्वाह्न तक लागू रहेगा. इस दौरान नदियों के आसपास बिना सक्षम पदाधिकारी की अनुमति के किसी भी व्यक्ति के जाने पर प्रतिबंध रहेगा. साथ ही नदी के आसपास कोई भी व्यक्ति अपने पशुओं को भी नहीं ले जा सकेंगे.
मुखिया और पंचायत सचिव के साथ हुई बैठकः उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के निर्देशानुसार जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी मुखिया और पंचायत सचिव के साथ बैठक की. इस दौरान सभी मुखिया और पंचायत सचिव से कहा गया कि जिले में लगातार भारी वर्षा को देखते हुए वैसे सभी ग्राम पंचायत जो नदी के किनारे हैं, वहां माइकिंग के माध्यम से लोगों को आगाह करें और नदियों में जाने से रोकें. साथ ही तटीय इलाके के निचले स्थानों में रहनेवाले लोगों को सुरक्षित स्थानों में भेजें. सभी पंचायत सचिव और मुखिया को यह भी निर्देश दिया गया कि पंचायत भवन को खुला रखें, ताकि किसी का घर भारी वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त होने पर वो पंचायत भवन में शरण ले सकें. इस वीडियो कॉन्फेंसिंग में सभी प्रखंड समन्वयक और कनीय अभियंता भी जुड़े थे.