जमशेदपुरःकोरोना महामारी को लेकर प्रदेश में लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों से प्रशासन सख्ती से निपट रही है. सभी जिलों में इसका सख्ती से पालन करने का प्रयास हो रहा है. जमशेदपुर में भी प्रशासन इसको लेकर सख्त कार्रवाई कर रहा है. सीतारामडेरा पुलिस के द्वारा लॉकडाउन का उल्लंघन कर खाद्यान्न सामग्री बांटने के मामले में 15 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार किया गया.
यह मामला अब तूल पकड़ने लगा है. इस मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. उसी के तहत भाजपा ने जमशेदपुर जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के जमशेदपुर के महानगर अध्यक्ष दिनेश कुमार ने बयान जारी कर कहा है कि जानबूझकर भाजपा कार्यकर्ताओं को चिन्हित करते हुए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.
सरकार नहीं निभा रही जिम्मेदारी
झारखंड सरकार और जिला प्रशासन पर बरसते हुए भाजपा जिला अध्यक्ष दिनेश कुमार ने कहा है कि जरूरतमंदों के लिए डोर टू डोर राशन और भोजन पहुंचाने का सरकार के स्तर से किया जाना चाहिए था, लेकिन सरकार अपनी जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाह रही है. जनता भूख बर्दाश्त नहीं कर सकती है. ऐसे समय में जरूरतमंदों भाजपाइयों को ढूंढ रहे हैं. भाजपा के सेवा कार्यों से बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन लाभान्वित हो रहे हैं.
सेवा करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को सहयोग करने की जगह एक मंत्री के इशारे पर अलग-अलग थानों में केस दर्ज कर प्रताड़ित करना न्यायोचित नहीं है. भाजपा जिला अध्यक्ष ने कहा है कि सबसे पहले टेल्को उसके बाद सीतारामडेरा और अब कदमा थाना में केस दर्ज होना अच्छा संकेत नहीं है.
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भाजपा इन मामलों में जिला के उपायुक्त और एसएसपी से पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. भाजपा जिला अध्यक्ष ने अपने बयान में कहा है कि सरकार के सीएम और मंत्रियों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का उल्लंघन करते आए दिन समाचार प्रकाशित हो रहे हैं. इन मामलों पर सरकार प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं कर रही है, क्या केवल भाजपाइयों को परेशान और प्रताड़ित करने के लिए केस दर्ज किए जा रहे हैं.
आंदोलन की चेतावनी
यदि जिला प्रशासन भाजपाइयों पर केस दर्ज करने से बाज नहीं आता है तो भाजपा सड़क पर उतरकर जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेगा. मालूम हो कि जमशेदपुर के सीतारामडेरा पुलिस ने बीते 9 अप्रैल को बिना अनुमति के जानलेवा संक्रमण को फैलाने के आरोप में तथा दूसरे की जान को खतरा में डालने एवं जानबूझकर इकट्ठा होने के आरोप में 15 लोगों के ऊपर प्राथमिकी दर्ज की थी. इसमें 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इन लोगों पर आरोप है कि यह सभी शीतला मंदिर के समीप राशन वितरण कर रहे थे.