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Dumka News: नक्सल प्रभावित इलाकों की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की पहल, दिया गया सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण - दुमका न्यूज

दुमका के नक्सल प्रभावित इलाका सरसाजोल गांव में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें महिलाओं को सिलाई की ट्रेनिंग दी गई. इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना था.

Women given sewing embroidery training in  Naxal affected Sarsajol village of Dumka
Women given sewing embroidery training in Naxal affected Sarsajol village of Dumka

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 8, 2023, 9:08 AM IST

Updated : Sep 8, 2023, 9:35 AM IST

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दुमकाः जिले के नक्सलवाद प्रभावित शिकारीपाड़ा प्रखंड में तैनात सशस्त्र सीमा बल की 35वीं बटालियन की ओर से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इस कड़ी में सरसाजोल गांव, जहां 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान पोलिंग पार्टी को उड़ा दिया गया था, वहां की महिलाओं और छात्राओं के लिए सिलाई-कढ़ाई-बुनाई का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया.

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क्या है पूरा मामलाःदुमका जिले का शिकारीपाड़ा प्रखंड उग्रवाद प्रभावित माना जाता है. यहां के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को रोजगार से जोड़ने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए दुमका में तैनात सशस्त्र सीमा बल के 35 वीं बटालियन के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में सरसाजोल उच्च विद्यालय में महिलाओं के लिए सिलाई-कढ़ाई का 12 दिवसीय ट्रेनिंग कैंप लगाया गया. इसमें 26 महिलाओं और छात्राओं ने भाग लिया. इन महिलाओं-छात्राओं को एसएसबी में कार्यरत इस विधा में ट्रेंड लोगों ने प्रशिक्षण दिया. महिलाओं और छात्राओं ने काफी मेहनत से इसकी बारीकियां को सीखा. प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होने पर गुरुवार को सभी को प्रमाण पत्र दिया गया. इस अवसर पर स्थानीय मुखिया परमेश्वर मुर्मू और विद्यालय के प्रिंसिपल असीम मंडल भी उपस्थित थे.

क्या कहते हैं एसएसबी के अधिकारीःसशस्त्र सीमा बल के द्वितीय कमान अधिकारी रमेश कुमार ने जानकारी दी कि हमारे कमांडेंट एम.के. पांडे के निर्देश पर यह कार्यक्रम चलाया गया है. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है. इसके तहत हमलोग मशरूम उत्पादन, बकरी पालन, मधुमक्खी पालन, कम्प्यूटर कोर्सेस, मोबाइल रिपेयरिंग का प्रशिक्षण भी देते हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान अभ्यर्थी काफी कुछ सीख पाए. समापन के अवसर पर इन्होंने खुद अपने हाथों से कई पोशाक का निर्माण कर उसे प्रदर्शित किया. यह हमारे बेहतर प्रशिक्षण का पॉजिटिव पक्ष था.

एसएसबी के अधिकारी ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हमारे द्वारा लगातार किया जा रहा है. हमारा उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वावलंबी बनाना है, उन्हें रोजगार से जोड़ना है. गौरतलब है कि जिस सरसाजोल गांव में यह प्रशिक्षण आयोजित हुआ, वहां से कुछ ही दूरी पर 2014 के लोकसभा चुनाव में मतदान के दिन पोलिंग पार्टी की बस को नक्सलियों ने निशाना बनाया था. जिसमें आठ लोगों की जान गई थी. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र की जनता का दिल जीतने, उनमें सरकारी सिस्टम के प्रति विश्वास पैदा करने के लिए भी इस तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.

Last Updated : Sep 8, 2023, 9:35 AM IST

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