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लापरवाहीः दुमका के इस गांव में 10 साल से हो रही पानी की बर्बादी, प्रशासन उदासीन

दुमका के लखीकुंडी गांव में एक आर्टिजन वेल से हमेशा पानी बहता रहता है. ये पानी लगभग 10 साल से बर्बाद हो रहा है. आज तक पानी के स्टोरेज के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई. प्रसिद्ध भूगर्भ शास्त्री और साहिबगंज कॉलेज के भूगोल विषय के अध्यापक डॉ रंजीत कुमार सिंह ने भी पानी की बर्बादी पर चिंता जताई है.

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दुमका के इस गांव में 10 साल से बह रहा है पानी, प्रशासन की अनदेखी

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Published : Apr 27, 2021, 1:19 PM IST

दुमका:प्रकृति के एक वरदान को सहजने के लिए आज तक किसी की ओर से पहल नहीं की गई है. सदर प्रखंड के लखीकुंडी गांव में एक आर्टिजन वेल से प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है. ये पानी लगभग 10 वर्षों से बाहर आ रहा है लेकिन आज तक इसके स्टोरेज की कोई व्यवस्था नहीं की गई. अगल-बगल के लोग यहां स्नान करते हैं.

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क्या कहते हैं भूगर्भ शास्त्री

बहती जलधारा पर संथाल परगना के प्रसिद्ध भूगर्भ शास्त्री और साहिबगंज कॉलेज के भूगोल विषय के अध्यापक डॉ. रंजीत कुमार सिंह से बात की. उन्होंने बताया कि ये आर्टिजन वेल है, जिसे घरेलू भाषा में पाताल तोड़ कुआं भी कहा जाता है. इसका जल काफी शुद्ध होता है.

इस पानी को प्यूरीफाई करने की कोई आवश्यकता नहीं होती. बस आप इसे सीधा पी सकते हैं. ये बिल्कुल प्योर वॉटर है. बताते चलें कि पानी की बर्बाद काफी चिंताजनक है. अगर पूरे देश में पानी की समस्या हो गई, तो इंसान से लेकर पशु जिंदा कैसे रहेंगे. ऐसे में दुमका में प्रकृति की इस अनमोल उपहार को जिस तरह नजरअंदाज किया जा रहा है, बेहद चिंताजनक है. अगर प्रशासन लोगों के घरों तक इस पानी को पहुंचाता है तो काफी बेहतर होगा.

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