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दुमका: बकाया राशन की मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया गोविंदपुर-साहिबगंज मार्ग जाम, एसडीपीओ ने दिया दस दिनों का आश्वासन

दुमका के बड़तल्ला पंचायत के सैकड़ों ग्रामीणों ने दो महीने का बकाया अनाज नहीं मिलने से आक्रोशित होकर गोविंदपुर-साहिबगंज मार्ग को लगभग दो घंटे से अधिक जाम रखा. जानकारी पाकर दुमका एसडीपीओ नूर मुस्तफा मौके पर गए और ग्रामीणों को समझा कर जाम हटवाया.

Villagers blocked Govindpur Sahibganj road
Villagers blocked Govindpur Sahibganj road

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 11, 2023, 8:37 PM IST

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दुमका:जिले के काठीकुंड प्रखंड के बड़तल्ला पंचायत में दो महीने का बकाया अनाज नहीं मिलने से ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. आक्रोशित ग्रामीणों ने सोमवार के गोविंदपुर-साहिबगंज मार्ग को काफी देर तक जाम कर दिया. दुकानदार ने ग्रामीणों को बीते अप्रैल और जून माह का चावल नहीं दिया है. इसी से ग्रामीण आक्रोशित हैं.

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जानकारी के मुताबिक, चावल नहीं मिलने पर 01 सितंबर को ग्रामीणों ने प्रखंड कार्यालय परिसर में आकर डीलर का विरोध किया था. जिस पर प्रखंड विकास पदाधिकरी सह प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी रजनीश कुमार ने आश्वासन दिया था. बीडीओ ने कहा था कि 10 सितंबर तक सभी लाभुकों को उनका बकाया राशन दे दिया जायेगा.

जब दी गई तिथि पर भी चावल नहीं मिला तो बड़तल्ला पंचायत के कई गांवों के लाभुक सोमवार को प्रखंड कार्यालय पहुंचे. लेकिन प्रखंड विकास पदाधिकारी सह प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के कार्यालय में उपस्थित नहीं होने के कारण उन्हें कोई जवाब नहीं मिल पाया. जिससे ग्रामीणों ने प्रखंड परिसर मुख्य गेट के सामने गोविंदपुर साहिबगंज हाईवे को जाम कर दिया. इससे दुमका-पाकुड़ और दुमका-साहिबगंज मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लग गई.

एसडीपीओ और विधायक प्रतिनिधि ने दिया आश्वासन:जाम को हटाने के लिए थाना प्रभारी नित्यानंद भोक्ता ने ग्रामीणों को काफी समझाने का प्रयास किया. लेकिन ग्रामीण नहीं माने. जानकारी पाकर स्थानीय विधायक नलिन सोरेन के प्रतिनिधि जॉन सोरेन और दुमका एसडीपीओ नूर मुस्तफा जाम स्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों को काफी समझा बुझाकर शांत किया. उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि 10 दिनों के अंदर उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा. आखिरकार उन्हें राशन दुकानदार ने अनाज क्यों नहीं दिया, इसकी भी जांच की जाएगी और उनके हिस्से का जो चावल है, उन्हें दे दिया जाएगा. इसका शासन के बाद ग्रामीणों ने अपना जाम समाप्त किया.

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