दुमकाः जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में केंद्र सरकार के द्वारा कई कोल ब्लॉक आवंटित किए गए हैं. जिसका ग्रामीणों द्वारा लगातार विरोध हो रहा है. उनका कहना है कि हम किसी भी हालत में अपनी जमीन कोयला उत्खनन के लिए नहीं देंगे.
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क्या है पूरा मामला
जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में केंद्र सरकार के द्वारा कई कोल ब्लॉक आवंटित किए गए हैं. कई जगह प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को जमीन खाली करने का भी कहा गया है. ऐसे में अब वे खुलकर विरोध कर रहे हैं. कोल ब्लॉक के लिए जमीन उपलब्ध कराने को लेकर ग्रामीणों का विरोध लगातार जारी है. इसी क्रम में शिकारीपाड़ा प्रखंड के पहाड़ आमचुआं गांव में दर्जनों गांव के लोग एकजुट हुए और उन्होंने कोल ब्लॉक के लिए अपनी जमीन नहीं देने की बात एक बार फिर से दोहराई.
विरोध करने वालों में महिलाओं की संख्या काफी अधिक नजर आई और वे सभी के सभी पारंपरिक हथियार से लैस नजर आए. झारखंड सरकार होश में आओ, कंपनी वापस जाओ के नारे वे लगाते दिखे. यहां ग्रामीण पहले के मुकाबले ज्यादा आक्रोशित दिखे. उन्होंने पहले तो जान देंगे जमीन नहीं देंगे की बात कही. उसके बाद वे आपे से बाहर हो गए और कहने लगे यह जमीन, यह गांव ही हमारा परिवार है. हमने सरकार बनाई है सरकार ने हमें नहीं बनाया. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि चाहे कोई भी यहां आ जाए अगर जबरदस्ती हमारी भूमि लेने का प्रयास करेगा तो हम उनकी जान ले लेंगे.
स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी मिल रहा साथ
हम आपको बता दें कि शिकारीपाड़ा क्षेत्र के ग्रामीण कोल ब्लॉक के लिए जमीन नहीं देने की जिद पर अड़े हैं. अब तो उन्हें स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी साथ मिल रहा है. एक सप्ताह पहले जिला परिषद अध्यक्ष जॉयस बेसरा भी ग्रामीणों के सुर में सुर मिलाती नजर आईं थीं. ऐसे में प्रशासन के सामने यह बड़ी चुनौती है कि वह कोल ब्लॉक कंपनी को जमीन मुहैया कराए.