दुमका:झारखंड की उपराजधानी दुमका के जामा प्रखंड के तातलोई गांव में गर्म पानी का प्राकृतिक जल स्रोत है. यहां सरकार के द्वारा वर्षों पूर्व कई कुंड का निर्माण कर दिया गया है. मकर संक्रांति के अवसर पर इस गर्म पानी के कुंड में स्नान के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं. इसमें डुबकी लगाकर वे काफी आनन्दित होते हैं.
15 और 16 जनवरी को तातलोई में मकर संक्रांति मेले का आयोजन:दुमका जिले के जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर जामा प्रखंड के तातलोई गांव में गर्म पानी का प्राकृतिक जल स्रोत है. वर्षों पूर्व सरकार के द्वारा यहां कई कुंड का निर्माण करा दिया गया है. जिसमें जाड़े के दिनों में काफी संख्या में लोग स्नान के लिए पहुंचते हैं. खास तौर पर मकर संक्रांति के अवसर पर दुमका सहित आसपास के कई जिलों के लोग गर्म पानी का आनन्द लेने आते हैं. इस वजह से प्रतिवर्ष यहां मकर संक्रांति के अवसर पर दो दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है. इस वर्ष 15 और 16 जनवरी को इसे आयोजित किया जा रहा है. इसके लिए 14 जनवरी से ही दूर-दूर के लोगों का आना शुरू हो गया.
तातलोई गर्म पानी में स्नान स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से उत्तम: तातलोई के गर्म पानी के कुंड में स्नान कर लोगों को काफी आनंद आता है. लोग कई घंटों तक पानी में स्नान करते हैं. लोगों का कहना है कि इसमें स्नान करने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं. शरीर स्वच्छ और निर्मल हो जाता है. जबकि यहां एक दो कुंड ऐसे हैं जो कुएं के आकार के हैं और उसे लोहे के जाल (नेट) से ढक दिया गया है. लोग उस कुंए का जल निकालकर पीते भी हैं. वे बताते हैं कि पेट से संबंधित कई विकार इससे ठीक हो जाता है.
अब तक नहीं हो पाया अपेक्षित विकास:भले ही दुमका के तातलोई गांव में प्रकृति का यह अनुपम उपहार गर्म पानी के जल स्रोत के रूप में है, लेकिन इसका अब तक अपेक्षित विकास नहीं हो पाया. खास तौर पर इसकी देखरेख की कोई व्यवस्था यहां नहीं है. चारों तरफ गंदगी का आलम देख यहां आने वाले लोगों को अच्छा अनुभव नहीं होता है. दूसरी समस्या यहां महिलाओं के लिए अलग से स्नान की कोई व्यवस्था नहीं है और न ही उनके लिए कपड़े बदलने के लिए कोई खास जगह. जिससे यहां पहुंचने वाली महिलाओं को परेशानी होती है. वे सभी सरकार और जिला प्रशासन से इसका ध्यान देने की मांग कर रहे हैं.