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Dumka News: दुमका में पांच राज्यों के आदिवासियों का प्रदर्शन, झारखंड सरकार की नीतियों के खिलाफ निकाला मशाल जुलूस - Jharkhand news

आदिवासी सेंगल अभियान के बैनर तले पांच राज्यों से आये सैकड़ों आदिवासियों ने झारखंड सरकार के नीतियों विरुद्ध मशाल जुलूस निकाला. सालखन मुर्मू के नेतृत्व में निकाला गया यह मशाल जुलूस आगे जाकर एक सभा में तब्दील हो गया. यहां सालखन मुर्मू ने हेमंत सोरेन पर आरोप लगाया कि उन्होंने आदिवासियों को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है.

2 killed in separate road accident in Gumla
2 killed in separate road accident in Gumla

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Published : Feb 27, 2023, 6:19 PM IST

दुमका:सोमवार को दुमका में आदिवासी सेंगल अभियान के बैनर तले पांच राज्य झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के सैकड़ों आदिवासियों ने हेमंत सरकार के नीतियों के विरुद्ध मशाल जुलूस निकाला. इस जुलूस का नेतृत्व आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने की. पांच राज्यों से आए आदिवासी समाज के लोगों ने हाथ में मशाल लेकर पोखरा चौक से निकलकर इंडोर स्टेडियम पहुंचे और फिर एक सभा की.

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सोरेन परिवार पर आदिवासियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप:यहां सालखन मुर्मू ने कहा कि हम आदिवासियों को जागरूक कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि संथालपरगना सहित पूरे झारखंड को शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन ने लूटने का काम किया है. वे यहां के आदिवासियों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. सालखन मुर्मू ने आरोप लगाया कि हेमंत सिर्फ अपना काम निकाल रहे हैं और आदिवासियों के हित के लिए कोई काम नहीं कर रहे हैं. ऐसे में वे आदिवासी समाज को जागरूक कर सोरेन परिवार की हकीकत सामने लाने का काम कर रहे हैं.

सभा में सालखन मुर्मू ने कहा कि उनका उद्देश्य एक नया राजनीतिक विकल्प तैयार करना है. इसके साथ ही सालखन मुर्मू ने संथालपरगना के गांव में नियुक्त वंशानुगत ग्राम प्रधान की जमकर आलोचना की. उन्होंने कहा कि गांव के जो परंपरागत ग्राम प्रधान है उनमें अधिकांश अनपढ़ हैं. उन्हें सही-गलत का अंतर पता नहीं होता है. ऐसे में उनके द्वारा गांव में जो भी निर्णय लिया जाता है वह सही नहीं होता.

सालखन ने सभी गांव में अपनी संस्था के द्वारा सेंगल मांझी नियुक्त करने की बात कही. उन्होंने कहा कि पहले से जो ग्राम प्रधान हैं उन्हीं के समकक्ष ये सेंगल मांझी भी काम करेंगे जो कि पढ़े-लिखे और समझदार होंगे. वे कानून सम्मत और लोकतांत्रिक तरीके से काम करेंगे. गांव के लोगों को नशे से दूर करेंगे, साथ ही अन्य जो कुरीतियां हैं उसके खिलाफ भी अभियान चलाएंगे.

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