दुमका:मलूटी के मंदिरों का रिनोवेशन हो रहा है. इसके निरीक्षण के लिए झारखंड सरकार के पर्यटन विभाग के सचिव मनोज कुमार अपने विभागीय टीम और एएसआई (आर्कोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) के सदस्यों के साथ मंदिरों के गांव मलूटी पहुंचे (Tourism Secretary reached Maluti village dumka). यहां उन्होंने मंदिरों के संरक्षण के काम का जायजा लिया.
पर्यटन सचिव पहुंचे मंदिरों के गांव मलूटी, जल्द शुरू होगा 42 मंदिरों के संरक्षण का काम - Jharkhand news
मंदिरों का गांव कहे जाने वाले मलूटी में मंदिरों का रिनोवेशन किया जा रहा है. इसका उद्घाटन पीएम मोदी ने किया था. इसका निरीक्षण करने झारखंड के पर्यटन सचिव और एएसआई की टीम पहुंची (Tourism Secretary reached Maluti village dumka).
ये भी पढ़ें:दुमका के मंदिरों के गांव मलूटी में विराजमान हैं मां मौलिक्षा, मन्नत मांगने पहुंचते हैं हजारों श्रद्धालु
मलूटी मंदिरों के संरक्षण कार्य के पहले फेज में 20 मंदिरों को लिया गया है. इन 20 मंदिरों के संरक्षण का काम लंबे समय से चल रहा है. पर्यटन सचिव के साथ पर्यटन विभाग के निदेशक संजय कुमार सिंह, दुमका उपायुक्त रविशंकर शुक्ला सहित कई अधिकारी मौजूद थे. भारतीय पुरातत्व विभाग के सदस्यों ने जिन 20 मंदिरों के संरक्षण का काम चल रहा है उसमें कई त्रुटियां निकाली और उसे जल्द सुधारने के लिए आवश्यक सुझाव भी दिया.
क्या कहते हैं पर्यटन सचिव: मंदिरों के निरीक्षण के बाद पर्यटन सचिव मनोज कुमार ने बताया कि मंदिरों के संरक्षण के कार्य के द्वितीय फेज में 42 मंदिरों के संरक्षण का काम होना है. जिसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मलूटी हमारा ऐतिहासिक धरोहर है इसे संरक्षित और सुसज्जित करना हमारे विभाग की प्राथमिकता में है. उन्होंने बताआ कि इस बात की कोशिश की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक यहां पहुंचे. इसके लिए जो आवश्यक आधारभूत संरचना है उसे भी डेवलप किया जा रहा है. इस कड़ी में मलूटी मंदिर परिसर के ही थोड़ी दूर पर पर्यटन विभाग ने एक प्लॉट चिन्हित किया है जहां कला संस्कृति का भवन बनाया जा रहा है. इस भवन में टेराकोटा और अन्य चीजें जो मलूटी से सम्बंधित है उसे रखा जाएगा.
मंदिरों के संरक्षण के काम का पीएम मोदी ने ऑन लाइन किया था शिलान्यास:मलूटी के मंदिरों की जीर्ण शीर्ण स्थिति को देखते हुए लगभग छह वर्ष पूर्व भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके जीर्णोद्धार के कार्य का ऑनलाइन शिलान्यास किया था. लगभग 5 करोड़ की राशि से यह काम होना है. अब तक काम की गति काफी धीमी रही है. वहीं कोरोना के समय लगभग दो वर्ष काम बिल्कुल ठप रहा. ऐसे में मलूटी के मंदिरों के संरक्षण का काम आज तक पूरा नहीं हो सका है.