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लापरवाहीः दुमका में पुस्तकालय की स्थिति दयनीय, 32 सालों से खाली है लाइब्रेरियन का पद

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Published : Dec 30, 2021, 4:50 PM IST

दुमका में पुस्तकालय (Library in Dumka) में लाइब्रेरियन नहीं है. लाइब्रेरियन का पद 32 वर्षों से खाली है. स्थिति यह है पुस्तकालय में पढ़ने-लिखने वाले छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.

state library in Dumka
दुमका में राजकीय पुस्तकालय की स्थिति दयनीय

दुमकाःलगभग 70 वर्ष पहले राजकीय पुस्तकालय (Library in Dumka) स्थापित किया गया था, ताकि जिले के छात्र-छात्राओं के साथ साथ बुद्धिजीवियों को पढ़ने-लिखने में परेशानी ना हो. पुस्तकाल संचालित होने के शुरुआती वर्षों में ठीक से चला और हजारों की संख्या में विद्यार्थी लाभ ले रहे थे. लेकिन वर्ष 1989 में पुस्तकालय के लाइब्रेरियन रिटायर हो गए. इसके बाद लाइब्रेरियन के पद पर किसी की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई. अब पुस्तकालय की स्थिति दयनीय हो गई है.

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1956 में दुमका में पुस्तकालय स्थापित किया गया था, जिसमें लाखों पुस्तकें हैं और वर्तमान में करीब तीन हजार सदस्य हैं. लेकिन सरकार और प्रशासन इस पुस्तकालय के प्रति उदासीन हैं. राजकीय पुस्कालय में स्वीकृत पद छह हैं. इसमें लाइब्रेरियन, बुक्स शॉर्टर, दफ्तरी, आदेशपाल, माली और नाइटगार्ड शामिल हैं. अब स्थिति यह है कि नियमित कर्मी के नाम पर सिर्फ नाइटगार्ड कार्यरत हैं. वहीं लाइब्रेरियन का पद पिछले 32 वर्षों से रिक्त है.

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सैकड़ों किताबों में लग गया दीमक

लाइब्रेरी में कर्मियों की कमी से पुस्तकों की देखरेख नहीं हो रही है. स्थिति यह है कि सैकड़ों किताबों में दीमक लग गए हैं. इतना ही नहीं, दो वर्ष पहले जो पुस्तकें लाइब्रेरी में आई, वह अब तक पाठकों को उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. अब तक पैकेट में ही बंद है.

दो कर्मियों की प्रतिनियुक्ति

दुमका लाईब्रेरी में नियमित कर्मी नहीं होने से जिला शिक्षा कार्यालय से दो कर्मियों की प्रतिनियुक्त की गई है. वहीं 13 शिक्षकों से पुस्तकों का रजिस्टर मेंटेन करवाया जा रहा है. प्रतिनियुक्त कर्मियों ने बताया कि लाइब्रेरियन की प्रतिनियुक्ति नहीं होने से काफी समस्या है. किताब को खोजना और फिर व्यवस्थित रखना काफी मुश्किल होता है. इसके बावजूद सरकार प्रोफेशनल की प्रतिनियुक्ति नहीं कर रही है.

विद्यार्थियों को भी परेशानी

दुमका में पुस्तकालय व्यवस्थित नहीं होने से विद्यार्थियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. खासकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र-छात्रओं को ज्यादा परेशानी हो रही है. छात्र राकेश सिन्हा ने बताया कि अखबार और मैगजीन दोनों महीनों से बंद है. उन्होंने कहा कि सामान्य ज्ञान के लिए अखबार और मौगजीन दोनों पढ़ना आवश्यक होता है. इतना ही नहीं, पुस्तकालय में पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है.

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