दुमका: जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर तीन वर्ष पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के द्वारा लगभग 20 करोड़ की लागत से एक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण कराया गया था. 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के समय आनन-फानन में इसमें सारे उपकरण लगाए गए, जिसमें बड़ी राशि खर्च भी हुई. इसके बावजूद आज तक यह हॉस्पिटल चालू नहीं हुआ. जाहिर है लोगों को जो स्वास्थ्य सुविधा पाने की उम्मीद थी, वह भी पूरी नहीं हुई.
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क्या है पूरा मामला: जब भी कोई जनकल्याणकारी योजना की रूपरेखा तैयार होती है. उसके निर्माण में बड़ी राशि खर्च होती है. इसके बाद उम्मीद की जाती है कि जिन उद्देश्यों के लिए ये राशि खर्च हो रहे हैं, वो पूरे होंगे. लोगों को इसका लाभ मिलेगा, लेकिन कभी-कभी योजना पूरी तो हो जाती है पर वह धरातल पर नहीं उतरती. इसका बड़ा उदाहरण है, दुमका जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर NHM द्वारा बना सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल. इसकी आधारशिला 2017-18 में रखी गई थी. लगभग 20 करोड़ की राशि से इसे बनना था. 2020 में यह बनकर तैयार भी हो गया और कोरोना की दूसरी लहर 2021 में इसमें बेड और आधारभूत संरचना के साथ अन्य जरूरी उपकरण लगाये गए. लोगों को उम्मीद थी कि यह हॉस्पिटल अब चालू रहेगा, लेकिन सरकारी उदासीनता का आलम यह है कि आज तक यह चालू ही नहीं हुआ.
दुमका और गोड्डा दो जिलों के बीच में बना है यह अस्पताल: बता दें कि सरैयाहाट प्रखंड के हंसडीहा बाजार में बना यह अस्पताल दुमका और गोड्डा दो जिलों की सीमा पर है. अगर यह अस्पताल चालू होता तो दोनों जिला के लोगों को इसका लाभ मिलता. इस इलाके की बड़ी आबादी अगर गंभीर रूप से बीमार पड़ती है या फिर यहां कोई सड़क दुर्घटना होती है तो उन्हें या तो दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल या फिर देवघर ले जाया जाता है. अगर हंसडीहा का यह अस्पताल चालू हो जाए तो मरीजों को इतनी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी और उन्हें तत्काल चिकित्सीय सुविधा प्राप्त हो सकती है.
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क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि: इस अस्पताल के अब तक चालू नहीं हो पाने के संबंध में हमने दुमका जिला परिषद के उपाध्यक्ष सुधीर मंडल से बात की. उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते जब भी मैं उस क्षेत्र में जाता हूं तो लोग इस अस्पताल को चालू कराने की मांग करते हैं. यह अस्पताल चालू होना काफी आवश्यक है. जिला परिषद के बोर्ड की आगामी बैठक में इस पर संज्ञान लेकर इससे संबंधित प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा, ताकि जल्द से जल्द यह चालू हो सके.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन: इस पूरे मामले पर दुमका के सिविल सर्जन डॉ. बच्चा प्रसाद सिंह का कहना है कि NHM के द्वारा हंसडीहा में अस्पताल बनकर तैयार है. बेड और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार है पर अभी तक इसका पद ही सृजित नहीं हुआ है. अब जब तक पद का सृजन नहीं होता, डॉक्टर और चिकित्साकर्मी की पोस्टिंग नहीं होती तो यह अस्पताल कैसे चालू हो पाएगा. मामला सरकार के संज्ञान में है और उन्हीं के द्वारा आगे की कार्रवाई की जानी है.