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स्थापना काल से शिक्षकों की कमी से जूझ रहा एसकेएम यूनिवर्सिटी, पठन-पाठन कार्य हो रहा प्रभावित - शिक्षकों की कमी

Shortage of teachers in SKM university Dumka. आज सिदो सिदो कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी का स्थापना है. इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, लेकिन यूनिवर्सिटी के 32 वर्षों के इतिहास पर नजर डालें तो शुरू से यहां शिक्षकों और कर्मचारियों की कमी रही है. इससे पठन-पाठन का कार्य प्रभावित हो रहा है.

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Shortage of teachers in SKM university Dumka

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 10, 2024, 3:27 PM IST

दुमकाःपूर्व में संथाल परगना के सभी जिलों के कॉलेज तिलकामांझी विश्वविद्यालय भागलपुर के अंतर्गत आते थे, इसके बाद 10 जनवरी 1992 को दुमका में सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय की स्थापना हुई और इसके बाद संथाल परगना के सभी कॉलेज एसकेएम यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आ गए. लेकिन स्थापना काल से ही एसकेएम यूनिवर्सिटी शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों की कमी से जूझ रहा है. वर्तमान में कुल स्वीकृत पद के महज 27 प्रतिशत शिक्षकों और 26 प्रतिशत कर्मचारियों के भरोसे ही विश्वविद्यालय में काम चल रहा है.
नियमित बहाली नहीं होने से बढ़ती गई समस्याःसिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में शिक्षकों की नियमित बहाली नहीं किए जाने से बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं. वहीं प्रोन्नति की प्रक्रिया इतनी सुस्त है कि 15 साल पहले बहाल हुए शिक्षकों को भी अब तक उसी पद पर सेवा देनी पड़ रही है. एसकेएम यूनिवर्सिटी में विभिन्न कोटि के 877 शिक्षकों के पद सृजित हैं. इनमें से महज 248 शिक्षक ही पदस्थापित हैं. मतलब 629 पद खाली पड़े हुए हैं. अकेले 476 पद तो असिस्टेंट प्रोफेसर के ही खाली पड़े हुए हैं. सृजित 55 पदों के विरुद्ध एक भी एसोसिएट प्रोफेसर विश्वविद्यालय में नही हैं.

एसकेएम यूनिवर्सिटी में 13 स्नातकोत्तर विभाग हैं संचालितः बताते चलें कि सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में 13 स्नातकोत्तर विभाग संचालित हैं. हर विभाग के लिए प्रोफेसर के एक-एक पद सृजित हैं. लंबे अरसे से इन विभागों में प्रोफेसर का पद खाली पड़े हैं. वर्तमान में केवल एक ही प्रोफेसर दर्शनशास्त्र विभाग में पदस्थापित हैं. कई विभाग तो ऐसे हैं, जहां प्रोफेसर का पद डेढ़-दो दशक से खाली है. ऐसे में पठन-पाठन किस हद तक प्रभावित हो रहा होगा इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है. विश्वविद्यालय में शिक्षकों के 73 प्रतिशत पद खाली रहने से ना केवल पठन-पाठन, बल्कि परीक्षाएं भी प्रभावित हो रही हैं.
20 महाविद्यालय में प्राचार्य के पद रिक्तःवर्तमान में सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के अंतर्गत 21 अंगीभूत महाविद्यालय हैं. जिसमें छह दुमका में हैं. वहीं बाकी के 15 कॉलेज देवघर, साहिबगंज , पाकुड़ , गोड्डा और पाकुड़ जिले में संचालित हैं, पर दुभार्ग्यपूर्ण तो यह है कि इनमें से 20 महाविद्यालय में प्राचार्य की कुर्सी खाली है. प्रभारियों के भरोसे कार्य चल रहा है. वर्तमान में एसकेएम विश्वविद्यालय में कुलपति, कुलसचिव, असिस्टेंट रजिस्ट्रार, लाइब्रेरियन, डिप्टी लाइब्रेरियन जैसे महत्वपूर्ण पद भी रिक्त हैं. रिक्त पदों पर वैकल्पिक व्यवस्था या प्रभारियों से काम चलाया जा रहा है. विश्वविद्यालय में 88 गैर शैक्षणिक पद स्वीकृत हैं. इनमें पांच पदाधिकारी के, सात सेक्शन आफिसर के, 47 तृतीय वर्ग के और 24 चतुर्थवर्गीय पद हैं. वर्तमान में इन पदों के विरुद्ध केवल पदाधिकारी के रूप में डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यरत हैं, जिनका कार्यकाल भी इसी महीने समाप्त हो जाएगा.

एसकेएम यूनिवर्सिटी के प्रभारी कुलपति ने कहाः इस पूरे मामले पर सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति डॉ बिमल प्रसाद सिंह ने कहा कि हमारे यहां शिक्षकों और अन्य कर्मियों की काफी कमी है. इस वजह से पठन-पाठन में काफी परेशानी होती है. छात्र-छात्राओं की संख्या लगातार बढ़ रही है पर उस अनुरूप मैन पावर उपलब्ध नहीं कराया गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि इन्हीं शिक्षकों को पढ़ाना है, परीक्षा लेनी है और कॉपी जांचनी है. उन्होंने कहा कि हमारी ओर से राजभवन और सरकार को रिक्तियों की सूची भेज दी गई है. अब उनके द्वारा ही निर्णय लेते हुए नियुक्तियां करनी हैं.

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