दुमकाः नेशनल फूड लैबोरेट्री कोलकाता द्वारा दुमका में निर्मित काइट्स एक्वा वाटर को अनसेफ करार दिए जाने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है. यह रिपोर्ट गुरुवार को ही आयी थी. इसके बाद शुक्रवार को दुमका एसडीएम ने जिले के लगभग एक दर्जन ड्रिंकिंग वाटर प्लांट और उनके प्रोडक्ट की जांच करने का निर्देश जारी कर दिया है. दुमका एसडीएम कौशल कुमार ने खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी अमित कुमार को निर्देश दिया है कि वे जिले में जितने भी बोतल बंद या 20 लीटर जार में ड्रिंकिंग वाटर पैक कर बिक्री करते हैं उनके प्लांट और पैक्ड वाटर के नमूने राष्ट्रीय खाद्य प्रयोगशाला में भेजें और वहां से रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई करें.
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कोलकाता के लैब ने बोतलबंद पानी को अनसेफ बतायाःदरअसल, दुमका के काईट्स एक्वा ड्रिंकिंग वाटर के नमूने को कुछ दिन पूर्व कोलकाता स्थित नेशनल फूड लेब्रोटरी जांच के लिए भेजा गया था. वहां से जो रिपोर्ट आयी वह काफी चौंकाने वाली है. रिपोर्ट में बोतल बंद पानी को अनसेफ करार दिया गया. जिसमें कहा गया है कि पानी के इस्तेमाल से कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.
वाटर प्लांट संचालक को नोटिस जारीः इस बाबत एसडीएम कौशल कुमार के कार्यालय से तत्काल वाटर प्लांट के संचालक को नोटिस जारी कर दिया है. जिसमें बताया गया है कि आपका उत्पाद हानिकारक है और इसे पीने से बीमारियां हो सकती हैं. आप तत्काल इसकी बिक्री पर रोक लगाएं और बाजार में सप्लाई की गई पानी को 48 घंटे के अंदर नष्ट करें.
कंपनी ने दायर की पिटीशनः इस संबंध में एसडीएम कौशल कुमार ने बताया कि उक्त कंपनी द्वारा एक पिटीशन दायर की गई है. जिसमें कहा गया है कि जांच रिपोर्ट में जिन मानकों में कमी पाई गई है उसे तत्काल दुरुस्त किया जाएगा. उसके बाद फिर से मेरे वाटर सैंपल की पुनः जांच करायी जाए.
एसडीएम ने नगर परिषद के पदाधिकारी को भी जांच का निर्देश दियाःइस संबंध में दुमका एसडीएम कौशल कुमार ने दुमका नगर परिषद के पदाधिकारी को यह पता करने का निर्देश दिया है कि कहीं पानी का प्लांट संचालित करने वाले लोग शहरी जलापूर्ति का पानी तो नहीं बोतल में बंद कर बेच रहे हैं. साथ ही उन्होंने होटलों और लॉजों में लोगों को जो पानी उपलब्ध करायी जा रही है, उसकी भी जांच करने का निर्देश दिया है.