झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

रांची: सरयू राय ने बकोरिया कांड पर उठाया सवाल, आखिर CBI से कौन चाहता है बचना - हाई कोर्ट

हाईकोर्ट के आदेश पर 19 नवंबर को सीबीआई की दिल्ली से स्पेशल सेल ने मामले पर एफआईआर दर्ज कर अपनी जांच शुरू की. इसके बाद सीबीआई जांच को रुकवाने के लिए झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की. 22 फरवरी 2019 को एसएलपी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सीबीआई भी पुलिस की तरह ही एक जांच एजेंसी है. ऐसे में उसे जांच करने दें.

सरयू राय के ट्विटर अकाउंट की इमेज

By

Published : Feb 23, 2019, 9:45 PM IST

रांची: भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दों पर अपनी ही सरकार के खिलाफ हमेशा मुखर रहे झारखंड सरकार के मंत्री सरयू राय ने बकोरिया एनकाउंटर पर एक बार फिर सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं. सरयू राय ने अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखा कि बकोरिया मामले में सरकार ने कैबिनेट के भीतर और बाहर मेरा सुझाव नहीं माना. बकोरिया कांड की सीबीआई जांच रुकवाने के लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई. लेकिन आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को खारिज कर ही दिया.

सरयू राय ने ये भी लिखा कि मामले को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल उठाए जा रहे हैं. सरकार की बदनामी हुई. आखिर बकोरिया एनकाउंटर की सीबीआई जांच रुकवाने की सलाह किसने दी और जब सुप्रीम कोर्ट ने एसएलपी को खारिज कर दिया तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. सरयू राय ने सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठाते हुए यह भी लिखा कि आखिर सीबीआई से कौन बचना चाहता है और उन्हें बचाने वाला कौन है.

क्या है पूरा मामला

8 जून 2015 को पलामू के बकोरिया में कथित मुठभेड़ में माओवादी कमांडर डॉ अनुराग, उदय यादव, एजाज अहमद योगेश यादव समेत 12 लोग मारे गए. मुठभेड़ में मारे गए उदय पारा टीचर भी था. उदय के पिता जवाहर यादव ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए हाई कोर्ट में सीबीआई जांच के लिए क्रिमिनल रिट फाइल की. 22 अक्टूबर 2018 को हाई कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया.

हाईकोर्ट के आदेश पर 19 नवंबर को सीबीआई की दिल्ली से स्पेशल सेल ने मामले पर एफआईआर दर्ज कर अपनी जांच शुरू की. इसके बाद सीबीआई जांच को रुकवाने के लिए झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की. 22 फरवरी 2019 को एसएलपी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सीबीआई भी पुलिस की तरह ही एक जांच एजेंसी है. ऐसे में उसे जांच करने दें.

ABOUT THE AUTHOR

...view details