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एसकेएमयू की कुलपति ने कहा- संथालपरगना की भाषा, संस्कृति पर रिसर्च को दिया जायेगा बढ़ावा - सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सोना झरिया मिंज

संथालपरगना के 165 वर्ष पूरे हुए हैं. इस मौके पर सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय की कुलपति ने कहा कि संथालपरगना की भाषा और संस्कृति पर रिसर्च को बढ़ावा जाएगा.

skm university 165 years completed in dumka
सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय

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Published : Dec 22, 2020, 8:13 AM IST

दुमका: 22 दिसंबर 1855 को संथालपरगना अस्तित्व में आया था. अंग्रेजी शासनकाल में इस क्षेत्र को संथालपरगना का नाम दिया गया. 22 दिसंबर यानी आज संथालपरगना के 165 वर्ष पूरे हुए है. इस क्षेत्र की सभ्यता, संस्कृति, संथाली भाषा को जन जन तक पहुंचाने का बीड़ा सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय ने उठाया है. एसकेएम यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ. सोनाझरिया मिंज ने एक प्रेसवार्ता का आयोजन कर कहा कि हम संथालपरगना की संथाली भाषा, यहां के आर्ट क्राफ्ट, कल्चर यहां की पॉलिटिक्स, इतिहास को कोर्स में शामिल करने जा रहे हैं. हम संथालपरगना की आर्ट, कल्चर, लैंग्वेज पर रिसर्च को भी बढ़ावा देंगे.

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शिक्षकों की कमी पर जताई चिंता
सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सोना झरिया मिंज ने जानकारी दी कि हमारे इस विश्वविद्यालय में शिक्षकों के कुल 619 पद सृजित है, जबकि वर्तमान में पदस्थापित है. सिर्फ 236 यह संख्या काफी कम है. शिक्षकों के पदों को भरने के लिए हमने पहल की है और इसके लिए जेपीएससी को भी लिखा गया है.

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शैक्षणिक सत्र को किया जाएगा नियमित
कुलपति ने कहा कि हमारा शैक्षणिक सत्र नियमित था, लेकिन कोविड-19 में कुछ परेशानी हुई लेकिन इससे उबरते हुए बहुत जल्द हम अपने शैक्षणिक सत्र को नियमित कर लेंगे.

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