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झारखंड के दिग्गज राजनीतिज्ञों की कर्मभूमि में रेलसेवा उपेक्षित, 8 साल में केवल 5 ट्रेनों का होता है परिचालन

किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए वहां रेल यातायात विकसित होना जरूरी है. दुमका के पिछड़ेपन की भी शायद यही एक वजह है. ऐसे में इस विधानसभा चुनाव में यह एक बड़ा मुद्दा बन कर सामने आया है. ऐसे में यह जरूरी है कि जनप्रतिनिधि इस दिशा में काम करें.

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दुमका में रेल का परिचालन

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Published : Dec 8, 2019, 12:42 PM IST

दुमकाः झारखंड की उपराजधानी दुमका शिबू सोरेन, बाबूलाल मरांडी, हेमंत सोरेन जैसे दिग्गज राजनीतिज्ञों की कर्मभूमि रही है, लेकिन यह क्षेत्र रेल सेवा के विकास के मामले में आज भी काफी उपेक्षित हैं. यहां 8 साल पहले रेल सेवा बहाल हुई थी, लेकिन आज यहां 8 ट्रेनों का भी परिचालन भी नहीं होता.

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बता दें कि दुमका- देवघर, दुमका-भागलपुर, दुमका- रांची की ट्रेन यहां से चलती हैं, जबकि भागलपुर से कोलकाता के ट्रेन का ठहराव यहां पर है. इसके साथ ही रामपुरहाट से देवघर चलने वाली सवारी गाड़ी दुमका स्टेशन होकर ही जाती है. मतलब महज पांच ट्रेनों की सुविधा दुमकावासियों को मयस्सर है.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग
दुमका में रेल सेवा सेवा ठीक नहीं होने की वजह से लोगों में काफी नाराजगी है. खासतौर पर जब अभी विधानसभा चुनाव होने हैं तो राजनीतिक दल के लोग इसे बड़ा मुद्दा मान रहे हैं. वे कहते हैं अब तक यह क्षेत्र रेलवे की सुविधाओं से वंचित रहा है. उनका कहना है कि आने वाले चुनाव में अगर उन्हें पावर मिलती है तो इस दिशा में वे आवश्यक पहल करेंगे.

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क्या कहते हैं दुमका सांसद सुनील सोरेन
इस संबंध में दुमका सांसद सुनील सोरेन का कहना है कि पहले के जो भी जनप्रतिनिधि हुए, उन्होंने दुमका में रेल सेवा के विकास पर रुचि नहीं दिखाई. अब उन्होंने इस दिशा में काम करना शुरू किया है. जल्द ही कई ट्रेन लोगों को उपलब्ध होंगी.

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