दुमका: झारखंड की उपराजधानी दुमका पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला की सीमा से सटा हुआ है. यही वजह है कि यहां दुर्गापूजा काफी धूमधाम से मनाई जाती है. लेकिन इस बार कोरोना काल ने दुर्गापूजा के उत्साह को फीका कर दिया है. झारखंड सरकार ने भी पूजा को लेकर अपने गाइडलाइंस जारी कर दिए हैं. गाइडलाइंस का सारांश यही है कि किसी तरह का बड़ा तामझाम या भव्य आयोजन नहीं करना है. छोटे स्तर पर पूजा को पूर्ण करना है. सरकार के निर्देश आने के बाद दुमका के पूजा समितियों में मायूसी है, लेकिन वे भी कोरोना की भयावहता को समझते हैं. उन्होंने भी यह निर्णय ले लिया है बस इस वर्ष दुर्गापूजा का एक नियम पूरा कर लेना है.
साधारण तरीके से पूजा का आयोजन
दुमका में लगभग 50 पूजा कमिटी की ओर से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है. ईटीवी भारत ने दुमका के लगभग 200 वर्ष पुराने दुर्गा स्थान पूजा समिति, यज्ञ मैदान पूजा समिति, बाबूपाड़ा पूजा समिति, पगला बाबा पूजा समिति समेत कई कमिटी के लोगों से बातचीत की. सभी ने कहा झारखंड सरकार के जो निर्देश हैं उसका वे पालन करेंगे और बहुत ही साधारण तरीके से दुर्गापूजा का आयोजन करेंगे.
मेला का नहीं होगा आयोजन
झारखंड सरकार की जो गाइडलाइंस है. उसमें साफ लिखा है कि दुर्गा पूजा पंडाल के आसपास मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा. मूर्ति का आकार छोटा होना चाहिए. लोगों की भीड़ इकट्ठे नहीं होनी चाहिए. यही वजह है कि दुमका में पूजा की जो तैयारी हो रही है वह काफी सादे ढंग से हो रही है. मंदिरों में रंग रोगन चल रहा है. लेकिन अन्य व्यवस्था बिल्कुल नगण्य है.
जहां मूर्तियों की ऊंचाई 10 से 12 फीट होती होती थी. वह इस बार 4 - 5 फीट का देखी जा रही है. यज्ञ मैदान, बाबूपाड़ा जहां खुले में भव्य पंडाल का निर्माण होता था और उसका निर्माण दो महीने पहले से होने लगता था. वह कहीं नजर नहीं आ रहा है. कुल मिलाकर पूजा कमिटियों ने भी यह निर्णय ले लिया है कि कोरोना को रोकने के लिए दुर्गापूजा का भव्य आयोजन इस वर्ष नहीं करना है.
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क्या कहती हैं जिले की उपायुक्त
दुर्गापूजा के आयोजन को लेकर दुमका की उपायुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि सरकार का जो निर्देश हैं उसका पालन होना चाहिए. उन्होंने भक्तों से भी अपील की है कि आप अनावश्यक कहीं भीड़ ना लगाएं. सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें और मास्क का प्रयोग करें. उन्होंने कहा कि सबसे बेहतर होगा कि श्रद्धालु अपने घर में ही दुर्गा पूजा मनाएं.