दुमका:जिले में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में बड़े पैमाने पर घोटाले की तैयारी थी, लेकिन विभागीय अधिकारियों को इसकी भनक मिल गई, जिसके बाद जांच हुई तो पाया गया कि जिन छात्रों का नाम छात्रवृत्ति के लिए अनुशंसित था, वह उस संस्थान के छात्र ही नहीं थे. फेक छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति का वितरण करने का फाइल आगे बढ़ चुका था. यह मामला 2020- 21 के छात्रवृत्ति से संबंधित है.
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क्या है पूरा मामला
अल्पसंख्यक छात्रों को तीन तरह के स्कॉलरशिप प्रदान किये जाते हैं. ये हैं प्री मैट्रिक स्टूडेंट्स, पोस्ट मैट्रिक स्टूडेंट्स और राज्य से बाहर पढ़ रहे संस्थानों के स्टूडेंट्स को मिलने वाली छात्रवृत्ति. छात्रवृत्ति जिनको दी जानी है उन स्टूडेंट्स की सूची अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों के इंस्टीट्यूट नोडल ऑफिसर (INO) के माध्यम से जिला कल्याण विभाग को आता है और वहां से भारत सरकार के कल्याण मंत्रालय को भेजा जाता है. वहां से छात्रों के सीधे बैंक के अकाउंट में रुपए आते हैं. कुछ दिन पहले यह मामला सामने आया था, कि छात्रवृत्ति में गड़बड़ी हुई है. इसी के मद्देनजर 2020 - 21 में जिन छात्रों का नाम छात्रवृत्ति के लिए अनुशंसा की गई थी, उसकी विभागीय जांच कराई गई. जांच में पाया गया कि 71 संस्थानों में अध्ययनरत 5650 अल्पसंख्यक छात्रों का आवेदन पत्र भेजा गया था, जिसमें लगभग 90 % फर्जी आवेदन निकले.