दुमकाः जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत लगभग 2000 पोषण सखियों को पिछले 7 माह से मानदेय नहीं मिल रहा है. इससे इन कर्मियों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है. वेतन की मांग को लेकर पिछले दिनों प्रखंड से लेकर जिलास्तर पर आंदोलन किया गया. इसके बावजूद अब तक मानदेय भुगतान नहीं किया गया है. अब पोषण सखियों ने उग्र आंदोलन की रणनीति बनाई है. इसको लेकर प्रखंड स्तर पर बैठक की जा रही है.
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पोषण सखी मालती मुर्मू कहती हैं कि वेतन नहीं मिलने से हम पोषण सखी काफी परेशान हैं. उन्होंने कहा कि दशहरा में वेतन मिलने की उम्मीद थी, लेकिन वेतन नहीं मिला. इससे बच्चों को दशहरा मेला नहीं घूमा सके. अब दीपावली और छठ पर्व आने वाला है. इसमें वेतन नहीं मिलेगा, तो बच्चों का कपड़ा नहीं खरीद सकेंगे. पोषण सखी निराली मरांडी कहती हैं कि मानदेय नहीं मिलने से घर में कलह की स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा कि नियमित आठ घंटे की ड्यूटी करते हैं. अपना घर-परिवार छोड़कर आंगनबाड़ी केंद्र पर रहते हैं. इसके बदले क्या मिलता है. उन्होंने कहा कि बच्चों की स्कूल फीस नहीं दे पा रहे हैं. इससे बच्चे को स्कूल से निकालने की धमकी दी जा रही है. पोषण सखी निर्मला मुर्मू कहती हैं कि आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका और सहायिका को लगातर मानदेय भुगतान हो रहा है, तो हमारा मानदेय क्यों रोका गया है. मानदेय नहीं मिलने से गंभीर आर्थिक संकट से जुझने लगे हैं.
6 जिलों में पोषण सखी की है व्यवस्था