दुमकाः अखिल भारतीय आदिम जनजाति विकास समिति के बैनर तले आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय के लोग अपने विभिन्न मांगों के समर्थन में दुमका के पुराना समाहरणालय परिसर में दो दिवसीय धरना पर बैठ गए हैं. धरना 7- आठ सितंबर के लिए है. इनका कहना है कि वर्तमान सरकार पहाड़िया समुदाय के उत्थान के प्रति गंभीर नहीं है. वह हमारे साथ छल कर रही है. हमें आर्थिक शैक्षणिक दृष्टिकोण से सबल बनाया जाए. अभी वर्तमान में झारखंड विधानसभा का जो सत्र चल रहा है उसमें हमारे ऐसे मुद्दे उठाए जाए, जिससे हमारा विकास हो.
धरना पर बैठे आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय के सैकड़ों लोग, महाधरना की दी चेतावनी - दुमका में आदिवासी
दुमका में आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय के लोग अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दो दिवसीय धरना पर बैठे हैं. इनका कहना है कि अगर हमारी बातें नहीं सुनी जाती हैं तो हम रांची में महाधरना कार्यक्रम का आयोजन करेंगे. हमलोग संथाल परगना में 300 साल से अधिक समय से रह रहे हैं पर हमारी सुनने वाला कोई नहीं.
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क्या है प्रमुख मांग
पहाड़िया समाज के लोगों का कहना है कि हमें प्रतिमाह आर्थिक सहयोग किया जाए या फिर रोजगार के लिए पूंजी उपलब्ध कराएं. आज भी बहुत सारे लोग बिरसा आवास योजना, डाकिया योजना से वंचित हैं, उन्हें इन योजनाओं का लाभ मिले यह सुनिश्चित किया जाए. सरकार द्वारा पत्थर खदान के लिए जमीन लीज पर दी जा रही है, उसे रद्द किया जाए. क्योंकि पहाड़ और जंगल बचेगा तब ही हम बचेंगे. जिस तरह दसवीं तक की पढ़ाई के लिए पहाड़ियों के लिए आवासीय विद्यालय है, वही व्यवस्था स्नातक तक की पढ़ाई के लिए किया जाए.
धरना कार्यक्रम में पहुंचे अखिल भारतीय आदिम जनजाति विकास समिति के महासचिव शिवचरण मालतो ने कहा कि हमलोग अभी इसलिए धरना दे रहे हैं ताकि हमारी बात तत्काल झारखंड विधानसभा में उठाई जाए. उन्होंने कहा कि हमारे विकास के प्रति सरकार गंभीर नहीं है. पहाड़िया नेता राजू पुजहर ने कहा कि अगर हमारी बातें नहीं सुनी जाती हैं तो हम रांची में महाधरना कार्यक्रम का आयोजन करेंगे. हमलोग संथाल परगना में 300 साल से अधिक समय से रह रहे हैं पर हमारी सुनने वाला कोई नहीं.