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निरक्षरों को आखर ज्ञान कराने हर गांव में अब 'पढ़ना-लिखना', आधी आबादी पर ज्यादा जोर - दुमका में साक्षरता दर

निरक्षरों को आखर ज्ञान कराने के लिए दुमका में पढ़ना-लिखना अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए कवायद शुरू हो गई है. दुमका में साक्षरता कार्यक्रम पढ़ना-लिखना अभियान के तहत दस हजार लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य तय किया गया है. निरक्षरों का सर्वे भी शुरू कर दिया गया है.

Padhana-likhana Literacy Program in Jharkhand
निरक्षरों को आखर ज्ञान कराने हर गांव में अब 'पढ़ना-लिखना'

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Published : Jun 28, 2021, 9:15 AM IST

Updated : Jun 28, 2021, 9:45 AM IST

दुमकाःनिरक्षरों को आखर ज्ञान कराने के लिए दुमका में पढ़ना-लिखना अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान में आधी आबादी को साक्षर बनाने पर ज्यादा जोर होगा. दुमका में इसके लिए तैयारियां तेज कर दी गईं हैं. दुमका में शुरू होने वाले साक्षरता कार्यक्रम पढ़ना लिखना अभियान के तहत जिले के दस हजार निरक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य तय किया गया है. इसमें 7500 महिलाएं और 2500 पुरुष शामिल हैं.

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निरक्षरों का सर्वे शुरू


2011 की जनगणना के अनुसार झारखंड में साक्षरता की दर 66.41 % है. यानी की करीब एक तिहाई आबादी अक्षर तक नहीं समझती, जिससे दैनिक जीवन में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इसके निदान के लिए आजादी के बाद से झारखंड समेत पूरे देश में तमाम साक्षरता कार्यक्रम चलाए गए हैं. अस्सी के दशक में प्रौढ़ शिक्षा हो या बाद में सम्पूर्ण साक्षरता अभियान, उत्तर साक्षरता अभियान, साक्षर भारत. लेकिन अब भी प्रदेश की बड़ी आबादी अक्षर ज्ञान से वंचित है. ऐसे में अब पढ़ना लिखना कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है. इस अभियान के तहत दुमका जिले को करीब दस हजार नागरिकों को साक्षर बनाने का लक्ष्य दिया गया है. इसमें 7500 महिलाएं हैं. यानी उपराजधानी दुमका की कुल आबादी 1321442 (जनगणना 2011 के अनुसार) में से करीब दस हजार लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य पढ़ना-लिखना कार्यक्रम के तहत तय किया गया है. निरक्षरों के सर्वे का काम भी शुरू कर दिया गया है.

दुमका में एक हजार स्वयं सेवक शिक्षकों को मिलेगा जिम्मा


प्रशासन ने इस बड़े अभियान की सफलता के लिए एक हजार स्वयं सेवक शिक्षकों को जोड़ने का फैसला किया है. जिला साक्षरता केंद्र के अनुसार इस अभियान में 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के निरक्षरों की पहचान की जाएगी. इन दस हजार निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए एक हजार स्वयं सेवक शिक्षक चयनित किए जाएंगे. अफसरों का कहना है कि प्रयास किया जाएगा कि वे शिक्षक उसी गांव और आसपास के क्षेत्र के हों, ताकि चिन्हित निरक्षरों को निःशुल्क शिक्षा दान कर सकें.

निरक्षरों को आखर ज्ञान कराने हर गांव में अब पढ़ना-लिखना
दस प्रखंड में चलेगा साक्षरता कार्यक्रम

जिला साक्षरता केंद्र के अफसरों के अनुसार जिले में निरक्षरों का सर्वे शुरू कर दिया गया है. प्रथम फेज में इसके लिए जिले के 10 प्रखंडों में साक्षरता कार्यक्रम चलाने का फैसला किया गया है. इसके लिए अलग-अलग प्रखंड में निरक्षरों को साक्षर बनाने का अलग-अलग लक्ष्य तय किया गया है.

प्रखंडवार साक्षर बनाने का लक्ष्य
प्रखंड का नाम प्रखंड के लिए तय लक्ष्य
दुमका सदर 1100
जामा 400
जरमुंडी 1400
सरैयाहाट 1400
रामगढ़ 900
शिकारीपाड़ा 900
रानीश्वर 800
मसलिया 700
काठीकुंड 700
गोपीकांदर 700

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जरमुंडी और सरैयाहाट में सबसे अधिक साक्षर बनाने का लक्ष्य

पढ़ना-लिखना कार्यक्रम के तहत जरमुंडी और सरैयाहाट प्रखंड में सबसे अधिक साक्षर बनाने का लक्ष्य तय किया गया है. यहां 1400-1400 निरक्षरों को चिन्हित किया जाएगा. वहीं अभियान के तहत दस प्रखंडों में पहले चरण में सबसे कम साक्षर मसलिया, काठीकुंड, गोपीकांदर में बनाए जाने हैं. यहां 700-700 निरक्षरों को साक्षर बनाया जाना है.



इनको बनाया गया नोडल पदाधिकारी


जिले में साक्षरता कार्यक्रम पढ़ना-लिखना अभियान के तहत दस हजार निरक्षरों को साक्षर बनाने की कवायद तेज हो गई है. इस अभियान के लिए जिले में नोडल पदाधिकारी रानीश्वर प्रखंड के बीईईओ राजीव रंजन को बनाया गया है. इसके अलावा इसके लिए पांच मास्टर ट्रेनर तैनात किए जाएंगे. साथ ही साथ पूरे अभियान को कोआर्डिनेट करने के लिए एक व्यक्ति को जिला समन्वयक पद पर अनुबंधित किया जाएगा.

Last Updated : Jun 28, 2021, 9:45 AM IST

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