दुमका: जिला प्रशासन की ओर से लगातार सड़क हादसे को रोकने के लिए जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन दुमका में सड़क हादसों पर अंकुश नहीं लग रहा है. वर्ष 2023 के तीन माह ही गुजरे हैं और इस 90 दिनों में 71 लोगों की मौत सड़क हादसे में हो गई है, जबकि दर्जनों घायल हुए हैं.
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सड़क सुरक्षा पखवाड़ा भी बेअसरः झारखंड की उपराजधानी दुमका में पिछले माह ही सड़क सुरक्षा पखवाड़ा मनाया गया था. इसके तहत प्रतिदिन जिला मुख्यालय से लेकर गांव तक अलग-अलग तरीकों से लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया था. सड़कों पर, स्कूलों में, कॉलेजों में पहुंच कर कर्मियों और पदाधिकारियों ने लोगों को यातायात नियमों की जानकारी देकर जागरूक किया था, लेकिन इसका कोई असर लोगों पर नहीं पड़ा.
कभी गांधीगिरी तो कभी की गई सख्ती, पर नतीजा सिफरः वहीं परिवहन विभाग के अधिकारियों और सड़क सुरक्षा समिति के सदस्यों ने सड़क पर उतर कर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को गुलाब फूल भेंट कर यातायात नियमों का पालन करने की अपील की थी. साथ ही कई बार सख्ती भी बरती गई. बिना हेलमेट पहने वाहन चलाने वाले लोगों का चालान काटा गया. वहीं कई लोगों का तो ड्राइविंग लाइसेंस भी कैंसिल कर दिया था. लेकिन इन तमाम प्रयास के बावजूद लोगों में जागरुकता नहीं आ रही है और नतीजतन लोग हादसों में अपनी जान गवां रहे हैं.
तीन महीने में 71 लोगों ने गंवाई हादसों में जानः सड़क हादसों की बात करें तो दुमका में मौजूदा वर्ष 2023 के तीन महीने के 90 दिनों में 71 लोगों ने अपनी जान सड़क हादसों में गंवाई हैं, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं. माहवार आंकड़ों की बात करें तो जनवरी माह सड़क हादसे में 19 लोगों की जान गई थी, वहीं फरवरी के 28 दिनों में 27 लोग सड़क हादसे का शिकार हुए, बीते मार्च महीने में 25 लोग सड़क दुर्घटना की वजह से काल के गाल में समा गए. जबकि इन दुर्घटनाओं में घायलों की संख्या 200 के आसपास है. वहीं वर्ष 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में 179 लोगों की जान गई थी.
सामाजिक स्तर पर भी पहल जरूरीः इस मामले में संथाल परगना के क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के सचिव जुगनू मिंज ने लगातार हो रहे सड़क हादसों पर चिंता जतायी है. उन्होंने कहा कि सड़क हादसों में बढ़ोतरी की दो मुख्य वजह है पहला ओवर स्पीड और दूसरा ड्रंकन ड्राइव. प्रशासन के द्वारा जागरुकता अभियान तो चलाया जा रहा, लेकिन उसका कोई खास असर नहीं दिख रहा है. लगातार हो रहे हादसों को रोकने के लिए समाज के लोगों को भी आगे आना होगा. लोगों में सामाजिक चेतना बढ़ाने की जरूरत है. लोगों को यह समझाने की आवश्यकता है कि आप बेवजह तेज गति से गाड़ी न चलाएं. शराब पीकर तो ड्राइविंग बिल्कुल ही मत कीजिए.
इन नियमों का पालन करना जरूरीः बिना हेलमेट पहने बाइक न चलाएं, शराब पीकर वाहन ड्राइव न करें, तेज गति से वाहन न चलाएं, वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग न करें, वाहन चलाते समय कान में इयरफोन न लगाएं