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Protest in Dumka: गिरा देंगे हेमंत सोरेन की सरकार, जानिए किसने और क्यों कहा

झारखंड आंदोलन, धरना और प्रदर्शन का राज्य बनता जा रहा है. ऐसा कोई दिन नहीं बितता है जब कोई संगठन, किसी विभाग के कर्मचारी या फिर किसी अन्य का किसी प्रकार का आंदोलन ना है. इन्हीं में से एक हैं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सहिया. जो अब सरकार से आर-पार के मूड में हैं.

Movement of Sahiya in Dumka
दुमका में सहियाओं का आंदोलन

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Published : Feb 8, 2023, 7:26 PM IST

Updated : Feb 8, 2023, 7:48 PM IST

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दुमकाः अपनी 14 सूत्री मांगों के समर्थन में आंदोलन कर रही सहियाओं ने अब आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है. दुमका में बुधवार को उन्होंने यह चेतावनी दे डाली कि पूरे राज्य में हमारी संख्या 42 हजार है और सरकार हमारे पक्ष में निर्णय नहीं लेती है तो 2024 के विधानसभा चुनाव में इस सरकार को गिरा कर भाजपा की सरकार लाएंगे.

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क्या है पूरा मामलाःझारखंड में स्वास्थय विभाग की सहिया अपनी 14 सूत्री मांगों के समर्थन में पिछले माह के 23 जनवरी से आंदोलनरत हैं. बुधवार को झारखंड प्रदेश स्वास्थ्य सहिया संघ के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने दुमका में विरोध प्रदर्शन किया. झारखंड सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एक रैली भी निकाली. उन्होंने दो हजार रुपये प्रोत्साहन राशि की जगह 18 हजार रुपये मानदेय की मांग रखी है. इसमें उनका कहना था कि दो हजार में दम नहीं 18 हजार से कम नहीं.

क्या है इनकी प्रमुख मांगःहम आपको बता दें कि 18 हजार रुपये फिक्स मानदेय और स्थायीकरण की मांग को लेकर झारखंड की सहियाओं ने पिछले 17 दिनों से कामकाज ठप रखा है. दुमका में इनकी संख्या 3286 है. इनकी प्रमुख मांगों में प्रोत्साहन राशि के बदले 18 हजार रुपये फिक्स मानदेय, राज्यकर्मी का दर्जा, कार्य अनुभव के आधार पर ANM का प्रशिक्षण देकर एएनएम बहाली में 50% का आरक्षण का लाभ, अनुकंपा का लाभ, ईपीएफ पेंशन का लाभ, ठोस नियमावली बनाकर विधानसभा में पारित कराना, प्रतिवर्ष 5% से 10% मानदेय में वृद्धि, सभी महिलाओं को टैब की व्यवस्था प्रदान करना शामिल है.

सरकार को दी चेतावनीःदुमका में सहिया संघ की मीडिया प्रभारी ज्योत्सना मंडल का कहना है कि 2007 से हमलोग काम कर रहे हैं. स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रदान करने में हम लोगों का कार्य जमीनी स्तर पर है. कोरोना काल में भी हमलोगों ने मरीजों की सेवा उस वक्त की जब उन्हें उनके अपनों ने छोड़ दिया था. कोरोना थमने के बाद लोगों को जागरूक कर घर घर जाकर कोरोना का टीका लगवाया. इसके बावजूद हमारे कार्य को महत्व नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि पूरे झारखंड में हमारी संख्या 42 हजार है. इसका मतलब हमारा 42 हजार परिवार है. अगर हेमंत सरकार हमारी मांग मान लेती है तो हम उनका साथ निभाएंगे लेकिन अगर हमारी मांग नहीं मानी जाती है तो फिर 2024 के चुनाव में इस सरकार को गिरा कर भाजपा की सरकार लाएंगे.

Last Updated : Feb 8, 2023, 7:48 PM IST

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