दुमका: बच्चों में मोबाइल का नशा इस कदर हावी हो गया है कि उन्हें मोबाइल नहीं मिलने पर किसी भी हद तक जा सकती है. यहां तक की वो जान की भी परवाह नहीं करती. ऐसा ही एक मामला दुमका के झांझर गांव से सामने आया है.
दुमका जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के झांझर गांव में सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा ने मोबाइल नहीं मिलने की वजह से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
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क्या है पूरा मामला
दुमका जिले के झांझर गांव में भजन पंडित नामक व्यक्ति रसोईया का काम कर किसी तरह अपना भरण-पोषण करता है. उसकी दो बेटियां थी, लेकिन घर में एक ही मोबइल था. दोनों में इस बात को लेकर हमेशा लड़ाई होती रहती थी कि मोबाइल कौन रखेगा. बड़ी बेटी अपने पिता से लगातार एक मोबाइल अपने लिए खरीदने की जिद करती थी, लेकिन पिता टाल देता था. इससे नाराज होकर बड़ी बेटी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतका के पिता का कहना है कि दोनों बहन मोबाइल चलाने को लेकर आपस में झगड़ती थी. उन्होंने बताया कि बड़ी बेटी स्वभाव से जिदी भी थी, मोबाइल नहीं मिलने से उसने यह कदम उठा लिया.