दुमका: सावन का महीना शुरू होने वाला है ऐसे में बासुकीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ सकती है. मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए व्यवस्था के संबंध में बासुकीनाथ धाम स्थित प्रशासनिक सभागार में बैठक हुई. गुरुवार को हुई इस बैठक में दुमका के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला और पुलिस अधीक्षक अमर लकड़ा के साथ पंडा धर्मराक्षणी सभा एवं स्थानीय पदाधिकारियों मौजूद रहे.
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बैठक में सरकार की ओर से निर्धारित दिशा-निर्देश का पालन कराने के संबंध में चर्चा की गई. इस दौरान दुमका डीसी रविशंकर शुक्ला (Dumka DC Ravi Shankar Shukla) ने श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश को रोकने के लिए बासुकीनाथ में की जा रही तैयारियों का जायजा भी लिया. इस दौरान उपायुक्त ने महीनों से बंद पड़े बासुकिनाथ मंदिर के भुखमरी के शिकार आश्रितों को आर्थिक पैकेज दिलाने का आश्वासन दिया.
क्या बोले पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक अमर लकड़ा ने बताया कि 25 जुलाई से सावन महीने के आगमन पर श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखते हुए बासुकीनाथ धाम प्रवेश के सभी मार्गों को सील कर दिया जाएगा. जगह-जगह चेक नाका स्थापित कर भारी संख्या में पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की तैनाती की जाएगी, ताकि किसी भी हालत में श्रद्धालु मंदिर तक प्रवेश न कर सके. भीड़ नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन ने कुल 36 चेक नाका बनाए गए हैं, जिसमें मजिस्ट्रेट के साथ-साथ पुलिस बल भी तैनात रहेंगे. किसी भी हालत में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को बासुकीनाथ में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने उपस्थित पदाधिकारियों को बताया कि कोविड-19 के तीसरी लहर को देखते हुए जिला प्रशासन और राज्य सरकार ने ये निर्णय लिया है.
बासुकीनाथ मंदिर सभागार में जिला प्रशासन
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दुमका जिला प्रशासन ने कोविड-19 को देखते हुए इस साल भी सरकार ने श्रावणी मेला नहीं लगाने को लेकर प्रशासनिक पदाधिकारियों, स्थानीय नागरिक, पंडा धर्मराक्षणी सभा के लोगों के साथ एक विशेष बैठक की. बैठक में उपस्थित लोगों को उपायुक्त दुमका ने कहा कि इस बार भी श्रावणी मेला का आयोजन नहीं होने जा रहा है. श्रद्धालुओं को बासुकीनाथ मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा, इसको लेकर चारों तरफ बेरिकेडिंग लगाए गए हैं और चेक नाका बनाकर पुलिस पदाधिकारियों के साथ-साथ मजिस्ट्रेट की भी तैनाती कर दी गई है.