दुमका: बाल कल्याण समिति ( चाईल्ड वेलफेयर कमेटी) ने दुमका जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के रहने वाले उन दोनों बच्चों को स्पॉन्सरशिप स्कीम से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिनके पिता महेन्द्र साह की पिछले दिनों गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पिछले माह 19 जनवरी को दुमका जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के डेलीपाथर गांव के समीप महेन्द्र साह नामक फेरीवाले की हत्या अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर कर दी थी. मृतक के दो पुत्र हैं. जिसमें एक पांच वर्ष और दूसरा दो वर्ष का है. पिता का साया उठने के बाद गरीबी की वजह से मां के समक्ष इनके लालन-पालन की समस्या उत्पन्न हो गई. इस पर दुमका बाल कल्याण समिति ने पहल की है. मीडिया रिपोर्ट पर इस मामले का संज्ञान लेते हुए समिति ने चाइल्डलाइन दुमका के समन्वयक मुकेश दुबे को मृतक के दोनों बच्चों को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.
Dumka Child Welfare Committee: बाल कल्याण समिति की पहल, गोलीकांड के पीड़ित बच्चों को स्पॉन्सरशिप स्कीम से जोड़ा - झारखंड न्यूज
दुमका के रामगढ़ गोलीकांड के शिकार महेंद्र साह के दोनों बच्चों को स्पॉन्सरशिप स्कीम से जोड़ने की पहल की गई है. बाल कल्याण समिति ने मामले में संज्ञान लेते हुए दोनों बच्चों और उनकी मां से पूछताछ की. समिति प्रभावित परिवार को योजनाओं का लाभ दिलाने की भी पहल करेगी, ताकि बच्चों का भविष्य खराब ना हो.
दोनों बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गयाः चाइल्डलाइन के टीम मेंबर के द्वारा पांच और दो वर्ष के दोनों बच्चों को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया. समिति ने बच्चों की मां का बयान दर्ज किया. उसकी मां ने बताया कि उसके पति बाइक पर घूम-घूम कर ब्रेड, बिस्कुट बेचा करते थे. कुछ दिन पूर्व जब वह बाइक से घर लौट रहे थे तो अपराधियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी. उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. पति की मृत्यु के कारण दोनों बच्चों के पालन-पोषण में भी कठिनाई हो रही है.
सीडब्ल्यूसी ने की सुनवाई , योजनाओं से भी जोड़ने की कवायद: दुमका सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने इस मामले की सुनवाई करते हुए दोनों बालकों को इनकैपेसिटेड पैरेन्ट की श्रेणी में सीएनसीपी घोषित करते हुए दोनों बालकों को समाज कल्याण विभाग के स्पॉन्सरशिप स्कीम से जोड़ने का निर्णय लिया है. समिति ने चाइल्डलाइन दुमका के समन्वयक को 15 दिनों के अंदर दोनों बच्चों को एसआईआर सौंपने का निर्देश देते हुए रामगढ़ अंचल कार्यालय से उनका पारिवारिक आय और स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र भी बनवाने का निर्देश दिया है. दोनों बालकों के पालन-पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए दो-दो हजार रुपए प्रतिमाह बच्चों और मां के संयुक्त खाते में भेजी जाएगी. इसके अलावा परिवार को सरकार की विभिन्न योजनाओं कालाभ दिलवाने की भी पहल करेगी. फिलहाल समिति ने दोनों बालकों को उनके मां के साथ घर भेज दिया है.
अब तक मामले में अपराधियों की नहीं हुई है गिरफ्तारी :जहां तक महेन्द्र साह की हत्या का सवाल है मामले में अब तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है. एक बार इसे लेकर दुमका - गोड्डा मार्ग जाम भी किया गया था. इधर, पुलिस का कहना है कि हम लोग जांच में जुटे हैं और जल्द दोषियों को पकड़कर जेल भेजा जाएगा.