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कृषि विभाग में स्टाफ की कमी से किसानों को हो रहा नुकसान, मंत्री ने दिया जल्द समाधान का भरोसा

केन्द्र सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई है, लेकिन विभाग में कर्मचारियों के अभाव के कारण यह योजना पूरी तरह धरातल पर नहीं उतर पाई है, जिससे किसानों को बहुत नुकसान हो रहा है.

कृषि विभाग में स्टाफ की कमी

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Published : Jul 8, 2019, 11:47 PM IST

दुमका: सरकार किसानों के हित में कई योजना चला रही है. कृषि विभाग में किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए करोड़ों के फंड भी दिए जाते हैं, लेकिन विभाग में स्टाफ की कमी होने से किसानों को समय पर इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

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संथालपरगना संयुक्त कृषि निदेशक कार्यालय कर्मियों के कुल स्वीकृत पद 24 है, लेकिन आधा से ज्यादा पद अभी भी रिक्त हैं. अलग-अलग क्षेत्र के कृषि इंस्ट्रक्टर के चार पद हैं जिसमें तीन रिक्त हैं. वहीं, लिपिक स्तर के 5 पद हैं, जिसमें चार रिक्त है. दुमका का खाद गुण नियंत्रक प्रयोगशाला सिर्फ इस कारण से शुरू नहीं हो पाया कि यहां पर कर्मचारियों का अभाव है.

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संयुक्त कृषि निदेशक के कार्यालय में काम करने वाले कर्मी भी इससे परेशान हैं. उनका कहना है कि स्टाफ की कमी से कामकाज प्रभावित हो रहा है, साथ ही उन्होंने बताया कि अगर सभी पदों पर स्टाफ की नियुक्ति कर दी जाएगी तो किसानों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने में वक्त नहीं लगेगा.
कहते हैं कृषि मंत्री
इस मामले में झारखंड के कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने बताया कि जितने पद रिक्त पद हैं उनपर जल्द ही नियुक्तियां करवा दी जाएगी. उन्होंने बताया कि रिक्त पदों को भरने के लिए झारखंड लोक सेवा आयोग को बहाली के लिए पत्र भेज दिया गया है.

संथालपरगना के कृषि विभाग का यह सबसे बड़ा कार्यालय ज्वाइंट डायरेक्टर एग्रीकल्चर ऑफिस है. यहां से दुमका, देवघर, गोड्डा, पाकुड़ , साहेबगंज और जामताड़ा जिला के कृषि विभाग का कामकाज की मॉनिटरिंग की जाती है.

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