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फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फैक्लटी, उपकरण और लेब्रोटरी की है कमी, छात्रों को भविष्य की चिंता - Jharkhand news

दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आधारभूत संरचनाओं की भारी कमी है. यही वजह है कि यहां नए छात्रों के नामांकन पर रोक लगा दी गई. लेकिन जो छात्र यहां पढ़ रहे हैं उनके भविष्य अंधकार में दिखता है.

Phulo Jhano Medical College Hospital
Phulo Jhano Medical College Hospital

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Published : Sep 22, 2021, 7:41 PM IST

दुमका: झारखंड की उपराजधानी और संथालपरगना प्रमंडल मुख्यालय दुमका में रघुवर सरकार के समय 2019 में मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन हुआ. मेडिकल कॉलेज खोलने का उद्देश्य राज्य में चिकित्सकों की कमी दूर करने के साथ दुमका में स्वास्थ्य व्यवस्था जिसकी काफी कमी है उसे बेहतर करना था. 2019-20 के सत्र में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के प्रथम बैच का नामांकन भी हो गया. नामांकन के वक्त यहां आधारभूत संरचना जैसे फैकल्टी, अन्य जरूरी उपकरण, लाइब्रेरी, लेब्रोटरी की काकी कमी थी. दो साल बीत चाने के बाद आज भी वही स्थिति है.


द्वितीय बैच का नहीं हो सका नामांकन

दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी और अन्य आधारभूत संरचना की कमी की वजह से ही नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने वर्ष 2020-21 के नामांकन पर रोक लगा दी थी. हालांकि नेशनल मेडिकल कमीशन की टीम यहां आकर कमियों के बारे में जानकारी दी थी, इसके बावजूद कोई बड़ा सुधार नहीं किया गया.

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फैकल्टी की है काफी कमी

इस मेडिकल कॉलेज में पढ़ाने वाले शिक्षकों की काफी कमी है । बायोकेमेस्ट्री विभाग , चर्म विभाग और रेडियोलॉजी में एक भी फैकेल्टी नहीं है । यहां प्रोफेसर के 24 पद स्वीकृत हैं जिसमें 3 प्रोफ़ेसर कार्यरत हैं । एसोसिएट प्रोफेसर के 27 पद है जिसमें पांच एसोसिएट प्रोफेसर है । असिस्टेंट प्रोफेसर के 45 पदों में मात्र 16 असिस्टेंट प्रोफेसर पदस्थापित है । जाहिर है स्वीकृत पदों के मुकाबले आधे से भी कम संख्या में फैकल्टी मौजूद है और उसी से काम चल रहा है शायद यही वजह है कि यहां दूसरे बैच के नामांकन पर रोक लगा दी गई है ।

लैब और लाइब्रेरी की स्थिति नहीं है संतोषजनक

एफजेएमसीएच में लाइब्रेरी और लेब्रोटरी की स्थिति तय मानकों के अनुसार नहीं है. मेडिकल की पढ़ाई में थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल की भी आवश्यक है और प्रैक्टिकल के लिए सभी सुविधाओं से पूर्ण लेब्रोटरी काफी आवश्यक है. लेकिन यहां जो लैब है उसमें आवश्यक उपकरणों की कमी है. जबकि यहां की लाइब्रेरी में मेडिकल साइंस से संबंधित किताबें की काफी कम हैं.

फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल

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कमियों की वजह से परेशान हैं छात्र

भले ही दूसरे बैच का एडमिशन नहीं हुआ हो लेकिन पहले बैच के जो 97 छात्र-छात्राएं हैं. इन कमियों की वजह से काफी परेशान हैं. करीब 6 माह पूर्व इन लोगों ने कॉलेज परिसर में धरना भी दिया था. सांसद सुनील सोरेन और विधायक बसंत सोरेन से मिलकर अपनी समस्या रखी थी और सुविधा बहाल करने का आग्रह किया था.

सांसद सुनील सोरेन
क्या कहते हैं दुमका सांसद सुनील सोरेन

इस पूरे मामले पर दुमका सांसद सुनील सोरेन ने कहा कि हमारे भाजपा के रघुवर सरकार ने यहां मेडिकल कॉलेज खोला. पढ़ाई शुरू कराई लेकिन उसके बाद हमारी सरकार चली गई और हेमंत सरकार आई. हेमंत सरकार का क्या दायित्व था कि वह मेडिकल कॉलेज में बेहतर व्यवस्था बहाल करे, लेकिन उसमें वह विफल साबित हुई. हमने मेडिकल कॉलेज की कमियों को केंद्र सरकार तक पहुंचाया है. आने वाले दिनों में जब लोकसभा में संसदीय सत्र बुलाया जाएगा उसमें में दुमका मेडिकल कॉलेज की कमियों को रखूंगा.

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